Somvati Amavasya Upay: सावन की सोमवती अमावस्या पर जरूर करें … | Sanmarg

Somvati Amavasya Upay: सावन की सोमवती अमावस्या पर जरूर करें …

कोलकाता : हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। अमावस्या वह रात है जब चंद्रमा पूरी तरह से दिखाई नहीं देता है। अमावस्या की रात हर 30 दिन के बाद आती है, ऐसा कहा जा सकता है कि अमावस्या हर महीने में एक बार आती है। जब अमावस्या सोमवार को पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सावन में रखे जाने वाले व्रत एवं त्योहारों का विशेष महत्व है। सावन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन सोमवती अमावस्या व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। बता दें कि इस वर्ष सोमवती अमावस्या पर तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस बार 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या पड़ रही है। सोमवती अमावस्या पर ये तीन काम करने से राहु परेशान नहीं करते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो उपाय।
सोमवती अमावस्या के दिन करें राहु स्तोत्र का पाठ 
सोमवती अमावस्या के दिन राहु स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन राहु ज्यादा हावी रहते हैं। ऐसे में इस स्तोत्र का पाठ राहु के बुरे असर को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही राहु के दोष से भी मुक्ति दिलाता है और नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है।
सोमवती अमावस्या के दिन पीपल पर जलाएं दीपक  
सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़  पर दीपक जलाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि दीपक सरसों के तेल का होना चाहिए और दीपक जलाते समय उसमें लौंग भी अवश्य डालें। इस तरह से दीपक जलाने से राहु का दुष्प्रभाव काम होता है।
सोमवती अमावस्या के दिन कुत्ते को खिलाएं रोटी
सोमवती अमावस्या के दिन काले कुत्ते को रोटी अवश्य खिलानी चाहिए। काले कुत्ते को अमावस्या के दिन रोटी खिलाने से बीमारी दूर होती है। इस उपाय को करने से राहु शांत होता है और इसका शुभ प्रभाव भी मिलने लगता है।
सोमवती अमावस्या पर बन रहा है शुभ संयोग 

पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन हर्षण योग, पुनर्वसु नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन हर्षण योग प्रातः  07: 58 मिनट पर शुरू होगा और पुनर्वसु नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। इसके साथ इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण निर्माण होगा। इसके साथ इस विशेष दिन पर सावन महीने का द्वितीय सोमवार व्रत रखा जाएगा। ऐसे में इस शुभ योग में भगवान शिव की उपासना करने से भोलेनाथ अपने भक्तों से अतिप्रसन्न होते हैं।

 

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