बांग्लादेश में गए बेलघरिया के युवक ने बताई दर्दनाक आपबीती, कैसे दहशत में बिताए दिन | Sanmarg

बांग्लादेश में गए बेलघरिया के युवक ने बताई दर्दनाक आपबीती, कैसे दहशत में बिताए दिन

चाकू और पत्थरों से किया गया हमला

पुलिस ने भी नहीं की मदद

सन्मार्ग संवाददाता
बेलघरिया : बेलघरिया के 35 नंबर वार्ड स्थित देशप्रिय नगर के निवासी सायन घोष की बांग्लादेश यात्रा एक भयावह अनुभव में बदल गई। 23 नवंबर को अपने एक दोस्त से मिलने के लिए सायन ढाका गए थे लेकिन 26 नवंबर को अपनी वापसी से पहले ही उन्हें एक मर्मांतिक घटना का सामना करना पड़ा। यह घटना न सिर्फ उनकी शारीरिक सुरक्षा के लिए खतरा बनी बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी उनका जीवन बदल गई। सायन घोष ने बताया कि ढाका में अपने दोस्तों के साथ बाजार जाते वक्त कुछ अज्ञात हमलावरों ने उन्हें घेर लिया। उन पर अचानक हमला किया गया, जिसमें उनका मोबाइल फोन और रुपये छीन लिए गए। इससे भी ज्यादा भयावह था उन पर चाकू और पत्थरों से हमला किया गया। सायन के अनुसार, यह घटना केवल एक लूटपाट का मामला नहीं थी बल्कि वह दिन उनके लिए एक बुरे सपने की तरह था, जिसे वह भूल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने वहां जो आतंक और हिंसा का मंजर देखा, वह किसी भी इंसान के लिए बहुत ही भयानक और अविश्वसनीय था। इस घटना के बाद सायन ने घर वापसी के लिए बांग्लादेश पुलिस से मदद मांगी लेकिन वहां से उन्हें कोई सहारा नहीं मिला। उल्टे उन्हें धमकियां दी गईं, जिससे उनकी स्थिति और भी कठिन हो गई। सायन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने न तो उनकी मदद की और न ही उन्हें सुरक्षा दी।

 

 

साहस के कारण लौट पाया स्वदेश 

उसने हार मानने की बजाय कुछ स्थानीय लोगों की मदद से गेदे सीमा तक पहुंचने का साहस दिखाया और वहां से किसी तरह भारत लौटने में सफल रहे। घर वापस लौटने के बाद सायन ने बांग्लादेश हाई कमिशन और गेदे सीमा पर स्थित कस्टम ऑफिस में भी इस घटना की शिकायत दर्ज कराई। सायन ने बताया कि मैंने जो कुछ भी झेला, उसके बाद मेरा बांग्लादेश जाने का मन कभी नहीं होगा। वह अनुभव मेरे लिए एक जीवनभर का डर बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हुई इस घटना के कारण उन्हें कई रातें बिना सोये और अत्यधिक मानसिक तनाव में बितानी पड़ीं। सायन की आंखों में अब भी उस दहशत और आतंक का गहरा असर साफ देखा जा सकता है। सायन घोष का यह अनुभव बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाता है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता को सामने लाता है।

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