कोलकाता: छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, इस साल 30 अक्टूबर, बुधवार को मनाई जाएगी। यह दिन धनतेरस से शुरू होने वाले दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन, घर के बाहर दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है।
14 दीयों का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली पर 14 दीये जलाना शुभ माना जाता है। यह तिथि चतुर्दशी के दिन आती है, और इसलिए 14 दीयों का प्रज्वलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
दीयों की विशेषताएं
- यम का दीया: पहला दीया आटे से बना होता है, जिसमें चौमुखी बाती लगाई जाती है।
- मां काली के लिए: दूसरा दीया मां काली के सम्मान में जलाया जाता है।
- भगवान श्रीकृष्ण के लिए: तीसरा दीया भगवान श्रीकृष्ण के लिए होता है।
- मुख्य द्वार पर: चौथा दीया घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए।
- पूर्व दिशा में: पांचवा दीया घर की पूर्व दिशा में रखा जाता है।
इसके अलावा,
- रसोई में: छठा दीया मां अन्नपूर्णा के नाम से रसोई में जलाएं।
- छत पर: सातवां दीया घर की छत पर जलाएं।
- तुलसी के पौधे के पास: आठवां दीया तुलसी के पौधे के पास रखें।
- अन्य स्थानों पर: अन्य दीयों को घर की बाल्कनी, सीढ़ियों या मुख्य गेट के पास जलाने की सलाह दी जाती है।
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