सागर द्वीप के 21,000 वर्गमीटर जमीन के कटाव को रोका गया | Sanmarg

सागर द्वीप के 21,000 वर्गमीटर जमीन के कटाव को रोका गया

65 दिनों में 350 श्रमिकों ने संपन्न किया पुनर्स्थापना का काम
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सागर द्वीप पर 21,000 वर्गमीटर क्षतिग्रस्त समुद्री तट को पुनः अधिग्रहित करने और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गंगासागर मेला से पहले दौरे को सफल बनाने के लिए लगभग 350 मजदूर समय के खिलाफ दौड़ लगाते हुआ कार्य पूरा किया है। इस भूमि के पुनर्स्थापना कार्य में लगभग 2 करोड़ रुपये का खर्च आया है। वर्ष 2021 में आए चक्रवात यास के बाद से भूमि कटाव को रोकने के पिछले प्रयास असफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप बंगाल की खाड़ी ने कपिल मुनि मंदिर के पास बड़ी ज़मीन को निगल लिया। पिछले मानसून के अंत तक, मंदिर समुद्र से केवल 350 मीटर की दूरी पर रह गया था, जबकि 2020 में यह दूरी 1.2 किलोमीटर थी।
65 दिनों तक चली मेहनत
20 खुदाई मशीनों और 338 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ मजदूरों ने 65 दिनों तक लगातार काम किया। गंगासागर पंचायत के उप-प्रधान हरिपद मंडल ने कहा, ‘कई बार काम को पूरा कर पाना असंभव लग रहा था क्योंकि द्वीप पर मिट्टी की भारी कमी थी। पिछले साल, लगभग 35,000 घनमीटर मिट्टी भरी गई थी, लेकिन इस साल हमें लगभग दोगुनी मात्रा में मिट्टी की आवश्यकता थी।’ इस कमी को मुरिगंगा से 10,000 घनमीटर गाद निकालकर पूरा किया गया। इस पुनर्स्थापना कार्य में सागौन के लकड़ी के खंभों को मजबूत किया गया और 700 मीटर प्रभावित तटरेखा पर हजारों नायलॉन के रेत-बोरों को भू-टेक्सटाइल कपड़े से ढककर लगाया गया। पुनः अधिग्रहीत क्षेत्र में मेला नियंत्रण कार्यालय, पुलिस क्वार्टर, शंकराचार्य आश्रम, आरती और सांस्कृतिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल मेले के लिए एक अस्थायी समाधान है, क्योंकि भूमि कटाव अप्रैल में पूर्वी हवाओं के साथ फिर से शुरू हो सकता है।
पूर्व प्रयासों की सीमित सफलता
2022 में राज्य सिंचाई और जलमार्ग विभाग द्वारा 8.3 करोड़ रुपये की एक पायलट परियोजना के तहत समुद्र तट पर टेट्रापॉड लगाने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसे सीमित सफलता मिली। मुरिगंगा को भी ड्रेज किया गया था। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वन विभाग के साथ मिलकर कटाव प्रभावित क्षेत्रों में मैंग्रोव पौधरोपण की योजना है और हम आईआईटी मद्रास के संपर्क में हैं। आईआईटी मद्रास की सिफारिशों पर, राज्य सरकार ने 267 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि, केंद्रीय निधि में देरी के चलते बंगाल सरकार इसे स्वतंत्र रूप से पूरा करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संबंध में नीदरलैंड सरकार से तकनीकी मार्गदर्शन की मांग की है।

Visited 9 times, 1 visit(s) today
शेयर करे
0
0

Leave a Reply

ऊपर