मेलबर्न : नीतीश रेड्डी अपने आलोचकों को गलत साबित करना चाहते थे जो टेस्ट प्रारूप में उनकी काबिलियत पर संदेह करते थे और एमसीजी के प्रतिष्ठित मैदान पर शतक जड़कर उन्होंने यह संदेश दिया कि वह क्रिकेट के उच्चतम स्तर के खिलाड़ी हैं। कुछ पूर्व खिलाड़ी रेड्डी के टेस्ट खिलाड़ी के रूप में उभरने को लेकर संशय में थे जिसमें पूर्व मुख्य चयनकर्ता भी शामिल था। लेकिन छह पारियों में 293 रन बनाकर और 58 से अधिक के बल्लेबाजी औसत से उन्होंने इन सभी को करारा जवाब दिया है। रेड्डी की 114 रन की पारी की बदौलत भारत पहली पारी में 369 रन बनाने में सफल रहा। इस शतक की बदौलत युवा बल्लेबाज ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
क्या आपको कभी लगा कि आप इस टीम में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होंगे?
रेड्डी ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद अपनी निराशा साझा करते हुए कहा, ‘कुछ लोगों को मुझ पर संदेह था जैसे आईपीएल खेलने वाला कोई युवा खिलाड़ी इतनी बड़ी सीरीज में प्रदर्शन नहीं कर सकता। मैं जानता हूं कि बहुत से लोग इस तरह की बातें करते थे।’ इस 21 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘मैं बस उन्हें यह अहसास दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने मेरे बारे में जो कुछ कहा है, वह गलत है और मैं यही कर रहा हूं। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं भारतीय टीम के लिए अपना शत प्रतिशत देने के लिए यहां हूं।’
यह पूछे जाने पर कि वह पिछले एक महीने को कैसे देखते हैं जिसमें उनका जीवन बदल गया, उन्होंने तुरंत जवाब दिया ‘मुझे लगता है कि आप लोगों के लिए यह एक या दो महीने ही हैं। लेकिन मेरे लिए यह पिछले दो से तीन साल हैं। मैं अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर कितनी मेहनत कर रहा हूं।’ रेड्डी ने 2024 आईपीएल की शुरुआत से पहले ‘साइड-आर्म थ्रोडाउन’ विशेषज्ञों की सेवायें ली थीं और उनके खिलाफ लगभग 18 गज की दूरी से 145 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गेंद पर बल्लेबाजी का अभ्यास किया था।
पहले आईपीएल सत्र के बाद मुझे अहसास हुआ
उन्होंने कहा, ‘पहले आईपीएल सत्र के बाद मुझे अहसास हुआ कि मुझे अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना पड़ेगा और मैंने एक योजना बनाई। सत्र के इतर जब मुझे समय मिला तो मैंने अपनी बल्लेबाजी पर बहुत काम किया और अब इससे नतीजे मिल रहे हैं। यह एक महीने या दो महीने की बात नहीं है। मैंने पिछले दो-तीन वर्षों से यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है।’ उनके परिवार के बलिदानों को सभी पढ़ चुके हैं और ऑस्ट्रेलियाई मीडिया भी खिलाड़ी के पीछे के व्यक्ति और उनके पिता मुत्यालु की भूमिका के बारे में जानने के लिए उत्सुक है। वह थोड़े भावुक थे। उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मेरे पिता ने केंद्र सरकार में 25 साल तक सेवा की थी और जब मैं कुछ नहीं था और मैं राज्य स्तर पर नहीं खेला था तो सबसे पहले जिस व्यक्ति ने मुझ पर विश्वास किया, वह मेरे पिता थे।’
मेरे पिता ने बहुत सारे बलिदान किए
रेड्डी ने कहा, ‘उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मेरे लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वह मुझे मैदान, जिम ले जाते थे। वह हमेशा मेरे साथ रहना चाहते थे। उन्होंने बहुत सारे बलिदान किए। अगर मुझे उनके बारे में बताना पड़े तो समय कम पड़ जाएगा लेकिन मैं उनके जैसे पिता को पाकर बहुत आभारी हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी टीम की मुश्किल परिस्थिति में मदद की ताकि हम मजबूती से वापसी कर सकें। इसलिए यह मेरे और मेरे पिता के लिए भी एक खास शतक था।’
कोहली को खड़े होकर तालियां बजाते देखना सपने की तरह था
विराट कोहली उनके आदर्श हैं और अपने आदर्श को खड़े होकर तालियां बजाते देखना सपने की तरह था। उन्होंने कहा, ‘मैं बचपन से ही विराट कोहली को देखता आ रहा हूं। वह मेरे आदर्श हैं और अब आखिरकार मैं उनके साथ खेला। जब उन्होंने पर्थ में शतक बनाया तो मैं नॉन-स्ट्राइकर छोर पर था। मुझे बहुत खुशी हुई।’ रेड्डी ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘अब मैंने शतक बनाया तो उन्होंने मेरी सराहना की। वह मेरे पास आए और कहा कि ‘तुम वाकई अच्छा खेले, तुमने टीम को खेल में वापसी दिलाई’। मैंने हमेशा इस पल का सपना देखा था और आखिरकार जब उन्होंने मुझसे बात की तो वह मेरे लिए सबसे अच्छा पल था।’ अंतिम दिन लक्ष्य का पीछा करने के बारे में पूछने पर रेड्डी ने कहा, ‘सबसे पहले हमें उनका आखिरी विकेट लेना होगा। हम मजबूती से वापसी करेंगे और पहली पारी की अपनी गलतियों को सुधारेंगे।’