न्यूयॉर्क : पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन पर फिडे के ड्रेस कोड का उल्लंघन करके जींस पहनकर आने के बाद पहले जुर्माना लगाया गया और बाद में उन्हें विश्व रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज से बाहर कर दिया गया।गत चैंपियन कार्लसन पर जींस पहनने के कारण 200 डॉलर का जुर्माना लगाया गया। टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार जींस पहनना मना है। उन्होंने तुरंत कपड़े बदलकर आने का अनुरोध मानने से इनकार कर दिया तो उन्हें अयोग्य करार दिया गया। टूर्नामेंट में रैपिड चैंपियनशिप के नौवें दौर में उन्हें किसी के खिलाफ उतारा नहीं गया। फिडे ने एक बयान में कहा कि ड्रेस कोड के नियम खिलाड़ियों को भली भांति बता दिये गए थे।
महानतम शतरंज खिलाड़ियों में शुमार कार्लसन ने अगले दिन ड्रेस कोड का पालन करने पर रजामंदी जताई लेकिन कहा कि वह तुरंत नहीं बदलेंगे। पिछले दो बार के चैंपियन कार्लसन ने इस घटनाक्रम पर कहा, ‘मैं ऐसी किसी जगह पर रहना चाहूंगा जहां मौसम बेहतर हो।’ फिडे ने एक्स पर साझा किये गए बयान में कहा, ‘ड्रेस कोड के नियम फिडे खिलाड़ियों के आयोग के सदस्यों ने बनाये हैं जिसमें पेशेवर खिलाड़ी और विशेषज्ञ हैं। ये नियम बरसों से हैं और सभी प्रतिभागियों को इसके बारे में भली भांति पता है। हर टूर्नामेंट से पहले उन्हें इसकी जानकारी दी जाती है।’
इसमें कहा गया, ‘फिडे यह सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ियों के रहने का स्थान आयोजन स्थल के बहुत पांस हो ताकि उन्हें नियमों का पालन करने में सुविधा हो।’ इसमें कहा गया, ‘आज मैग्नस कार्लसन ने जींस पहनकर ड्रेस कोड के नियम का उल्लंघन किया। इतने लंबे समय से चले आ रहे नियमों में यह साफ है कि जींस पहनना निषिद्ध है। मुख्य पंचाट ने कार्लसन को इसके बारे में बताया और 200 डॉलर का जुर्माना लगाया। उनसे कपड़े बदलने का अनुरोध किया गया जो उन्होंने नहीं माना। इस वजह से उन्हें अयोग्य करार देना पड़ा।’
इससे पहले रूस के ग्रैंडमास्टर इयान नेपोम्नियाश्चि ने भी इस नियम का उल्लंघन किया था लेकिन वह कपड़े बदलकर लौट आये जिससे उन्हें बाहर नहीं किया गया। इस बीच कार्लसन ने कहा कि वह ब्लिट्ज वर्ग में भाग नहीं लेंगे क्योंकि फिडे की ड्रेस कोड नीति से वह तंग आ चुके हैं। उन्होंने नॉर्वे के मीडिया से कहा, ‘मैं फिडे से आजिज आ चुका हूं और अब और नहीं सह सकता। मैं सभी से माफी मांगना चाहता हूं। यह बेहद हास्यास्पद नियम है। मैं कल कपड़े बदल सकता था लेकिन वे सुनने को ही तैयार नहीं है।’ खेल के तेज रफ्तार प्रारूप के विकास जोर दे रहे कार्लसन से जुड़े इस मामले को विश्व शतरंज को उनकी ओर से एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने हाल ही में फ्रीस्टाइल शतरंज के विकास के लिये 12 मिलियन डॉलर जुटाये हैं। फ्रीस्टाइल शतरंज खेल का वह प्रारूप है जिसमें शतरंज के मोहरों में किसी भी क्रम में फेरबदल किया जा सकता है। इसका प्रचार महान खिलाड़ी बॉबी फिशर ने किया था।