दुबई/कराची : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के कार्यकारी बोर्ड की चैंपियंस ट्रॉफी के कार्यक्रम को लेकर बुलाई गई आपात बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई क्योंकि पाकिस्तान ‘हाइब्रिड मॉडल’ में इस प्रतियोगिता की मेजबानी नहीं करना चाहता है। बैठक शनिवार को फिर से होगी। बैठक संक्षिप्त रही क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने स्पष्ट किया कि भारतीय टीम को पाकिस्तान दौरे के लिए अपनी सरकार से मंजूरी नaहीं मिलने के बावजूद उन्हें ‘हाइब्रिड मॉडल’ मंजूर नहीं है। हाइब्रिड मॉडल के अनुसार भारतीय टीम प्रतियोगिता के अपने मैच किसी अन्य स्थान पर खेलती।
आईसीसी के पूर्णकालिक सदस्य देश के अधिकारी और बोर्ड के सदस्य ने कहा, ‘कार्यकारी बोर्ड की आज संक्षिप्त बैठक हुई। सभी पक्ष 2025 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के सकारात्मक समाधान के लिए काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि बोर्ड शनिवार को फिर से बैठक करेगा और समाधान निकलने तक इसे जारी रखेगा।’ इस बीच दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के रुख को दोहराया कि भारतीय टीम सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान की यात्रा नहीं कर सकती है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से जब नियमित संवाददाता सम्मेलन में भारतीय टीम के चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि वहां सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं हैं और इसलिए यह संभावना नहीं है कि टीम वहां जाएगी।’ नकवी ने बैठक में व्यक्तिगत रूप से भाग लिया क्योंकि वह पाकिस्तान का पक्ष रखने के लिए गुरुवार से दुबई में डटे हुए हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह बैठक में ऑनलाइन सम्मिलित हुए। शाह एक दिसंबर को आईसीसी चेयरमैन का पद संभालेंगे।
यह पता चला है की हाइब्रिड मॉडल को एकमात्र समाधान के रूप में देखा जा रहा है और अगर टूर्नामेंट को स्थगित किया जाता है तो पीसीबी को 60 लाख डॉलर के मेजबानी शुल्क और गेट राजस्व से हाथ धोना पड़ेगा। इससे पीसीबी के वार्षिक राजस्व में भी भारी कटौती हो सकती है जो लगभग 350 लाख डॉलर है। अगर हाइब्रिड मॉडल नहीं अपनाया जाता है तो आईसीसी को भी परेशानी झेलनी पड़ सकती है क्योंकि आधिकारिक प्रसारक स्टार भी विश्व की सर्वोच्च क्रिकेट संस्था के साथ अपने अरबों डॉलर के करार को लेकर बात कर सकता है। इस प्रतियोगिता का आयोजन 19 फरवरी से नौ मार्च के बीच ही आयोजित किया जा सकता है क्योंकि इसके बाद भाग लेने वाले देशों को अपनी अपनी सीरीजों में खेलना है।