जयपुर : राजधानी जयपुर में एलपीजी टैंकर में विस्फोट के बाद भीषण अग्निकांड में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 14 हो गयी। मारे गये लोगों में राजस्थान पुलिस की कांस्टेबल अनीता मीणा भी शामिल हैं। हादसे के बाद अपनों की तलाश में अस्पताल में परिवार के लोगों की भीड़ लगी हुई है। इस बीच दिलदहला देनी वाली एक-के-बाद एक दर्दनाक कहानियां सामने निकलकर आ रही हैं। इस भीषण हादसे में कई मृतकों के शव इतनी बुरी तरीके से जल गये कि उनकी पहचान तक नहीं नहीं हो पायी। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार ने शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करने का फैसला किया है।
बिछिया से पहचाना शव
जयपुर में मारे गये लोगों में राजस्थान पुलिस की कांस्टेबल अनीता मीणा भी शामिल हैं। अनीता अपने परिवार की इकलौती कमाऊ सदस्य थीं। वह चैनपुरा में आरएसी की बी कम्पनी चतुर्थ बटालियन में तैनात थीं। अनिता रोशनपुरा बनेडिया मौजमाबाद की रहने वाली थी। वह शुक्रवार सुबह अपने दो छोटे बच्चों के लिए खाना बनाकर दूदू से बस में ड्यूटी के लिए जयपुर निकली थी। तभी हादसे का शिकार हो गयी। तड़के 3 बजे अनिता को बस में बैठाकर गये उसके पति कन्हैयालाल मीणा हादसे के बाद अनिता की तलाश में एसएमएस अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के कर्मचारी ने घायलों की सूची में अनिता का नाम नहीं होने की जानकारी दी। इसके बावजूद, कन्हैयालाल का मन नहीं माना और आखिर में मुर्दाघर पहुंचे। जहां एक शव को देखा जिसका आधा शरीर और पैर बचा था जिसे कन्हैयालाल ने पैरों में पहनी बिछियों से पहचना कि यह शव उसकी पत्नी अनीता का है।
कंटेनर से चालक का मिला जला हुआ कंकाल
मैनपुरी के बिछवां थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक कंटेनर चालक की जयपुर में हुए अग्निकांड में जलकर मौत हो गयी। जिसका जला हुआ नर कंकाल बरामद हुआ। बिछवां थाना क्षेत्र के गांव चिर्रा निवासी लालू पुत्र जागेश्वर सिंह यादव कंटेनर चालक था। वह 5 दिन पहले घर से कंटेनर पर गया था। शुक्रवार को वह कंटेनर को जयपुर से लेकर दिल्ली से कारों को लोड करने जा रहा था। तभी गैस से एलपीजी टैंकर से एक वाहन टकराया और उसमें आग लग गयी। उस वाहन से चार-पांच वाहन पीछे लालू का कंटेनर था। जिसमें आग लग गयी और जलकर राख हो गयी। यहां 3 जले हुए नर कंकाल बरामद हुए, जिसमें लालू का भी नर कंकाल मिला।
कार के नंबर से हुई आईएएस की पहचान
जयपुर हादसे में रिटायर्ड आईएएस करणी सिंह राठौड़ की मौत हो गयी है। सिंह की मौत की पुष्टि उनकी कार के चेसिस नंबरों के आधार की गयी है। उनकी कार घटनास्थल पर पूरी तरह से जली हुई मिली थी। करणी सिंह राठौड़ चूरू जिले के रतनगढ़ तहसील के लूणासर गांव के रहने वाले थे। राजस्थान प्रशासनिक सेवा से पदोन्नत होकर आईएएस बने राठौड़ श्रीगंगानगर और अजमेर के कलेक्टर रहे थे। पुलिस अब कार में मिले अवशेषों से करणी सिंह के परिजनों के डीएनए का मिलान करवाएगी। डीएनए के लिए सिंह की दोनों बेटियों ने सैम्पल दे दिए हैं। उसके बाद शव की सुपुदर्गी की जाएगी।
बुरी तरह जले शवों का होगा डीएनए टेस्ट
इस भीषण अग्निकांड में कई मृतकों के शव इतनी बुरी तरीके से जल गये हैं कि उनकी पहचान तक नहीं हो पा रही है। ऐसे शवों की पहचान के लिए सरकार ने डीएनए टेस्ट करने का फैसला लिया है। मृतकों के डीएनए सैंपल जांच के लिए भेजे गये हैं। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल की मोर्चरी से टेस्ट के लिए सैंपल लिये गये हैं।
अग्निकांड के बाद एक्शन में सीएम भजनलाल
जयपुर टैंकर कांड के बाद राजस्थान में सड़क के खतरनाक मोड यानी ब्लैक स्पॉट्स को ठीक करने के लिए अब विशेष अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं मे कमी लाने के लिए विशेष अभियान चलाकर ब्लैक स्पॉट्स को ठीक करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि सड़कों के दुर्घटना संभावित स्थानों को चिन्हित कर इनका शीघ्र सुधार किया जाये, ताकि वाहन दुर्घटनाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान को रोका जा सके।
मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हुई
जयपुर में गैस टैंकर हादसे में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 14 हो गयी। जबकि हादसे में घायल हुए 30 से ज्यादा लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। चिकित्सा विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि हादसे में घायल हुए 2 और लोगों की मौत हो गयी और इसी के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गयी। भांकरोटा इलाके में जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर शुक्रवार तड़के एक ट्रक ने एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी थी, जिससे लगी आग ने 35 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया था। इस भीषण दुर्घटना में 12 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 35 अन्य लोग घायल हुए थे। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने शुक्रवार को कहा था कि घायलों में से करीब आधे लोगों की हालत बहुत गंभीर है। हादसे में झुलसे ज्यादातर लोग यहां सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती हैं।
अब तक 9 शवों की पहचान हुई
जयपुर टैंकर हादसे में मरने वालों में से अब तक 9 शवों की पहचान हुई है। टैंकर ब्लास्ट में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से 13 लोगों की एसएमएस अस्पताल में मौत हो गयी। जबकि एक की मौत जयपुरिया में हुई है। कुल 14 शवों में 9 की पहचान हुई है, जबकि 5 अब भी अज्ञात हैं। पुलिस उनकी पहचान के प्रयास कर रही है। अब भी एसएमएस अस्पताल में 27 लोग भर्ती हैं। इनमें से 7 लोग वेंटिलेटर पर हैं।
एसआईटी करेगी टैंकर ब्लास्ट की जांच
टैंकर के भयावह हादसे की जांच अब डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के निर्देशन में गठित एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) करेगी। जयपुर पुलिस कमिश्नर ने जांच के आदेश जारी कर दिये हैं। वहीं, सरकार के आदेश पर 6 विभागों, स्वास्थ विभाग, परिवहन विभाग, जयपुर पुलिस कमिश्नरेट, पीडब्ल्यूडी, नेशनल हाईवे अथॉरिटी, जिला प्रशासन के अधिकारियों की कमेटी बनाई गयी है। सात दिन में सभी विभागों के अधिकारी दुर्घटना के कारण से लेकर सभी विषयों पर जांच कर रिपोर्ट पेश करेंगे।
यातायात प्रबंधन की कमियां और आधा अधूरा निर्माण कार्य के कारण हुआ हादसा
जयपुर : भांकरोटा गैस टैंकर हादसे को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यातायात प्रबंधन की खामियां और राष्ट्रीय राजमार्ग पर जारी निर्माण कार्य इस भीषण दुर्घटना के कारणों में से एक हो सकता है। विशेषज्ञों ने कहा कि राजमार्ग पर उचित एवं पर्याप्त संकेत (साइन) नहीं होना, अधूरा निर्माण कार्य, अचानक कट और लोगों में यातायात की पूरी समझ नहीं होना इस दुर्घटना का कारण हो सकती है।
सुड़क सुरक्षा नेटवर्क (आरएसएन) से जुड़े जॉर्ज चेरियन ने कहा, जयपुर-अजमेर का यह हिस्सा दुर्घटना संभावित इलाकों में से है, जहां खराब यातायात प्रबंधन और मौजूदा निर्माण कार्य से स्थिति खतरनाक हो गयी। राजस्थान के मुख्य सचिव की यातायात प्रबंधन समिति के पूर्व सदस्य चेरियन ने कहा कि ऐसे बड़े टैंकरों को हाईवे पर ‘यू-टर्न’ लेने से रोकने के लिए भौतिक उपाय किये जाने चाहिए थे। तेज गति से चल रहे वाहन को ब्रेक लगाना और रोकना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि 2022 में राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं में 13 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि मौतों में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
किन कारणों से इतना हुआ हादसा
कांग्रेस नेता सचिन पायलट शनिवार को सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में पीड़ितों से मिलने पहुंचे। उन्होंने भी विभिन्न कमियों को उजागर किया और जांच की मांग की। उन्होंने कहा, हम सभी दुर्घटना स्थल के बारे में जानते हैं। निर्माण कार्य क्यों पूरा नहीं हुआ, ठेकेदार और एजेंसी कौन है ? हमें विस्तृत जांच के बाद तथ्यों को जानने की जरूरत है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने घटना का लिया स्वत: संज्ञान
जयपुर में गैस टैंकर हादसे में राजस्थान हाईकोर्ट ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढंड की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को तय की है। पीठ ने केंद्रीय आपदा प्रबंधन मंत्रालय व केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिवों तथा राजस्थान के मुख्य सचिव तथा आपदा प्रबंधन और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विभागों के सचिवों को नोटिस जारी किया है। अदालत ने इस भीषण हादसे पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने कई लोगों की जान ले ली और अनेक की जिंदगी खतरे में पड़ गयी। अदालत के आदेश में कहा गया है, व्यापक जनहित में सार्वजनिक स्थानों पर आग लगने की ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर काबू पाने के लिए समाधान खोजने के खातिर (घटना का) स्वत: संज्ञान लिया जाता है।