कोलकाताः भारतीय रिज़र्व बैंक ने नवंबर 2016 में 2000 रुपये के नोट की शुरुआत मुख्य रूप से 500 और 1000 रुपये के नोट वापस लेने के बाद अर्थव्यवस्था की मुद्रा आवश्यकता को शीघ्रता से पूरा करने के उद्देश्य से की थी। उस उद्देश्य की पूर्ति और पर्याप्त मात्रा में अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों की उपलब्धता के कारण 2018-19 में 2000 रुपये के नोट का मुद्रण बंद कर दिया गया। आरबीआई के अनुसार अधिकांश 2000 रुपये मूल्यवर्ग के नोट 4-5 वर्षों के अपने अनुमानित जीवनकाल के अंत में हैं। देखा गया है कि इस मूल्यवर्ग का आमतौर पर लेन-देन के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। मुद्रा आवश्यकता को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के नोटों का पर्याप्त स्टॉक है। उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक की “स्वच्छ नोट नीति” के अनुसरण में निर्णय लिया गया है कि 2000 रुपये के बैंक नोटों वापस ले लिया जाए।
लेन-देन रख सकते हैं जारीः लेन-देन के लिए 2000 रुपये के नोटों का उपयोग जनता जारी रख सकती है। 30 सितंबर 2023 तक या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने और/या बदलने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति एक बार में 20,000 रुपये की सीमा तक 2000 रुपये के नोटों को जमा या बदल सकता है। इन्हें जमा करने या बदलने के लिए 23 मई, 2023 से किसी भी बैंक की शाखाओं से संपर्क किया जा सकता है।
ग्राहक होना आवश्यक नहींः नोटों को बदलने के लिए बैंक का ग्राहक होना आवश्यक नहीं है। गैर-खाताधारक भी 20,000 रुपये की सीमा तक किसी भी बैंक शाखा से एक बार में बदल सकता है।
अधिक की जरूरतः यदि किसी को व्यवसाय या अन्य उद्देश्य से 20,000 रुपये से अधिक नकद की आवश्यकता हो तो खातों में कितनी भी धनराशि जमा की जा सकती है। 2000 रुपये के बैंकनोटों को बैंक खातें में जमा कर उसके बाद इन जमाराशि में से आवश्यकता के अनुसार नकद निकाला जा सकता है। विनिमय सुविधा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी।
कहां करें शिकायतः जमा करने मेंसेवा में कमी के मामले में शिकायत के निवारण के लिए ग्राहक पहले संबंधित बैंक से संपर्क करे। बैंक शिकायत के 30 दिनों के भीतर जवाब नहीं देता है या शिकायतकर्ता जवाब/समाधान से संतुष्ट नहीं है, तो वह आरबीआई के शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल (cms.rbi.org.in) पर शिकायत दर्ज कर सकता है।
बैकों में 2000 रुपये के नोट जमा करने से जुड़ी मुख्य बातें
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