नयी दिल्ली: जून में पड़ रही भीषण गर्मी में दिल्ली पर जल संकट की दोहरी मार पड़ रही है। इस दौरान करीब 350 एमजीडी का अंतर बना हुआ है। वहीं, पानी का वितरण भी असमान पर है। सबसे ज्यादा दिक्कत दक्षिणी दिल्ली में है। संगम विहार समेत दक्षिणी दिल्ली के ज्यादातर इलाके में हर व्यक्ति रोजाना 45-50 लीटर पानी मिल रहा है। जबकि लुटियन दिल्ली के लिए यह आंकड़ा 200 लीटर से ऊपर है। विशेषज्ञ मानते हैं कि दूसरे राज्यों से पानी मांगने की जगह दिल्ली को स्थानीय स्तर पर जल संकट का हल ढूंढना पड़ेगा। यमुना नदी के साथ तालाब इसका कारगर जरिया हो सकते हैं।
जल मंत्री आतिशी ने कहा कि…
दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को कहा कि यमुना का पानी कम पहुंचने से दिल्ली में लगातार पानी का उत्पादन घट रहा है। आम आदमी पार्टी हरियाणा पर दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़ने का आरोप लगा रही है। आतिशी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”यमुना का पानी कम पहुंचने से दिल्ली में लगातार पानी का उत्पादन घट रहा है। सामान्य परिस्थिति में दिल्ली में 1005 एमजीडी पानी का उत्पादन होता है लेकिन पिछले एक हफ्ते से यह लगातार घट रहा है। उत्पादन कम होने से, दिल्ली के कई हिस्सों में पानी की कमी है। सभी से अनुरोध है कि पानी का प्रयोग बहुत किफायती तरीके से करें। मंत्री ने कुछ आंकड़े साझा करते हुए कहा कि छह जून को पानी का उत्पादन 1002 एमजीडी था, जो अगले दिन यानी सात जून को 993 एमजीडी और आठ जून को 990, नौ जून को 978 एमजीडी, 10 जून को 958 एमजीडी, 11 जून को 919, 12 जून को 951 और 13 जून को 939 एमजीडी रह गया। दिल्ली जल संकट से जूझ रही है।’
दिल्ली के अलग अलग इलाकों में पानी की कमी के चलते लोगों की परेशानी जारी है। पानी की कमी के चलते हफ्तों बीत चुके हैं अभी तक कोई राहत नजर नहीं आ रही है। लोग अपनी बेसिक जरुरतें टैंकरों से पानी भरकर जैसे तैसे पूरी कर रहे हैं। दिल्ली में पानी की कमी के बीच गोविंदपुरी इलाके में टैंकरों के जरिए लोगों को पानी दिया जा रहा है।