मुंबई : शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
नरेंद्र भोंडेकर ने भंडारा जिले में दावा किया कि उनकी पार्टी के प्रमुख एवं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें मंत्रिमंडल में जगह देने का वादा किया था। भोंडेकर शिवसेना के उपनेता और पूर्वी विदर्भ जिलों के समन्वयक हैं। भोंडेकर ने कहा कि भंडारा जिले के संरक्षक मंत्री बनने और इसके विकास के वास्ते काम करने के लिए मंत्रिमंडल में जगह पाने की उनकी इच्छा है। उन्होंने 20 नवंबर के विधानसभा चुनाव में अपने कांग्रेसी प्रतिद्वंद्वी को 38,000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर भंडारा निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रविवार को महायुति के सहयोगी दलों के कुल 39 विधायकों ने शपथ ली थी, जिनमें 16 नए चेहरे शामिल हैं। दस पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई। सहयोगी दलों में सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण भाजपा को 19 मंत्री पद मिले, जबकि शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 11 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को नौ मंत्री पद मिले। भोंडेकर ने कहा, ‘मैं इस शर्त पर शिवसेना में शामिल हुआ था कि मुझे मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। शिंदे ने मुझसे इसका वादा भी किया था। जब शिंदे पूर्ववर्ती सरकार में मुख्यमंत्री बने थे, तब मैं एक निर्दलीय विधायक था और मैंने उन्हें समर्थन दिया था।’ शिवसेना नेता ने दावा किया कि पिछले मंत्रिमंडल विस्तार (पूर्ववर्ती महायुति सरकार के) के दौरान भी मंत्री पद के लिए उनके नाम पर विचार किया गया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने मंत्रिमंडल की सूची में देखा तो मैंने पाया कि कि मुझे शामिल ही नहीं किया गया है। तब मैंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया।’ भोंडेकर ने कहा, ‘मेरी किसी पद बने रहने की मानसिकता नहीं है। मैंने पार्टी नेताओं को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और उनके जवाब का इंतजार कर रहा हूं।’