अनंतनाग: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बीते एक सप्ताह से जारी मुठभेड़ समाप्त हो गया। सेना ने एनकाउंटर में शामिल 2 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें एक मोस्ट वांटेड आतंकी उजैर खान भी शामिल था। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े उजैर कश्मीर का लोकल आतंकी था। इसकी वजह से ही सेना की 3 जवानों की शहादत हुई थी। इसके अलावा एक जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP भी शहीद हुए थे।
मुठभेड़ की जानकारी देते हुए एडीजीपी विजय कुमार ने बताया कि अनंतनाग में आतंकी उजैर को मार गिराया गया। उजैर ने ही अपने साथी आतंकियों के साथ मिलकर जंगलों में छिपकर सेना पर हमला किया था। उजैर के अलावा एक और लाश को ढूंढा जा रहा है, जो आतंकी की हो सकती है। वहीं, घटनास्थल के आस-पास सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा। क्योंकि वहां से कई हथियार और गोले मिले हैं। इसके अलावा सर्च ऑपरेशन में कई और चीजें भी बरामद हो सकती है।
अब तक 2 आतंकियों का मिला है शव
मंगलवार (19 सितंबर) को एडीजीपी विजय कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमें लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर का शव मिला है। हमने उसे अपने कब्जे में कर लिया है। अभी और शव भी मिल सकते हैं, इसलिए ही तीसरे शव की तलाश हो रही है। सर्च ऑपरेशन जारी रहने वाला है, क्योंकि कई सारे इलाके बचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों से अपील करते हैं कि वे उन इलाकों में नहीं जाएं। हमारे पास 2-3 आतंकियों की जानकारी थी। इस बात की संभावना है कि हमें तीसरा शव भी कहीं मिल जाए। इस कारण से सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।
चार जवान मुठभेड़ में हुए शहीद
अनंतनाग मुठभेड़ में जान गंवाने वाले 4 जवानों में 19वीं राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष ढोंचक और डीएसपी हुमांयू मुजम्मिल भट्ट थे. इसके अलावा 13 सितंबर से भारतीय सेना का एक जवान प्रदीप सिंह भी गायब थे। जिनका शव 18 सितंबर को सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद हुआ था। अनंतनाग के कोकरनाग में खुफिया जानकारी के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ सेना का सर्च ऑपरेशन चल रहा था, तभी आतंकियों ने इन पर हमला कर दिया।