– अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद क्या टलेंगे लोकसभा चुनाव?
नई दिल्ली : चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था। गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यों वाले निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं। अभी तक गोयल के इस्तीफे की वजह सामने नहीं आई है। वहीं अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद आम लोगों के मन में कई सवाल पैदा हो गए हैं। लोकसभा चुनावों के ऐलान से कुछ दिन पहले कमिश्नर के इस्तीफे के बाद क्या चुनाव आगे बढ़ सकते है? आइए इससे जुड़े जरूरी सवालों के जवाब बताते हैं।
– क्या अब चुनाव लेट होंगे?
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे से चुनाव प्रक्रिया में देरी की संभावना कम है। चुनाव आयोग में अन्य सदस्य और अध्यक्ष होते हैं जो चुनाव संचालन की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
– कौन चुनावों की तारीखों का ऐलान करेगा?
चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार चुनावों की तारीखों का ऐलान करेंगे। बता दें कि आयोग में एक से अधिक सदस्य होते हैं, जो सामूहिक निर्णय लेते हैं।
– किसने इस्तीफा मंजूर किया?
अरुण गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार, 9 मार्च से स्वीकार कर लिया है।
– अरुण गोयल ने क्यों दिया इस्तीफा?
अरुण गोयल के इस अचानक इस्तीफे के पीछे के कारणों का आधिकारिक रूप से कोई व्याख्या नहीं की गई है, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इशारा किया गया है कि ‘विभिन्न मुद्दों पर मतभेद’ थे और यह उनके इस्तीफे का एक कारण हो सकता है।
– क्या लोकसभा चुनाव से पहले कोई और बनेगा चुनाव आयुक्त?’
अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद एक अधिकारी ने कहा, ‘सरकार अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी।’ माना जा रहा है कि इससे लोकसभा चुनावों से पहले नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की संभावना बनती है।
– कौन होते हैं चुनाव आयुक्त?
बता दें कि भारत के निर्वाचन आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त समेत दो अन्य सदस्य होते हैं। चुनाव आयुक्त अनुप चंद्र पांडे इस साल फरवरी में रिटायर हुए थे, इसके बाद एक पद पहले से ही खाली था। अब अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं।
– कौन हैं अरुण गोयल?
अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985-बैच के IAS अफसर हैं। उन्होंने 2022 में सिविल सर्विसेज से रिटायरमेंट ले लिया था। इसके एक दिन बाद ही उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। वो अगले साल मुख्य चुनाव आयोग बनने वाले थे।
– विपक्ष क्यों लगा रहा सरकार पर आरोप?
अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष केंद्र सरकार को घेर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, जैसा कि मैंने पहले ही कहा था कि यदि हम स्वतंत्र संस्थाओं की सुनियोजित बर्बादी को नहीं रोकते हैं, तो तानाशाही द्वारा हमारे लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया जाएगा। भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है।
– कैसे बनते हैं चुनाव आयुक्त?
चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के पैनल की सिफारिश पर की जाएगी। पिछले साल केंद्र सरकार ने एक कानून बनाया था, जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।
– लोकसभा चुनावों का ऐलान कब तक होगा?
सूत्रों के अनुसार, अगले हफ्ते तक लोकसभा चुनावों की तारीख का ऐलान हो सकता है। चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारी अगले हफ्ते जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाले हैं, ताकि वहां की स्थिति का जायजा लिया जा सके। सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर का दौरा पूरी होने के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की जानी थी।