नई दिल्ली: सैन फ्रांसिस्को स्थित एआई स्टार्टअप ‘ग्रेप्टाइल’ के सीईओ दक्ष गुप्ता ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में अपनी कंपनी की कार्य संस्कृति का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी में कर्मचारियों से हफ्ते में 84 घंटे तक काम करने की उम्मीद की जाती है और वहां वर्क-लाइफ बैलेंस की बहुत कम जगह है।
सोशल मीडिया पर मचा हल्ला
गुप्ता के इस खुलासे के बाद उनकी पोस्ट पर इंटरनेट पर खूब चर्चा हुई और पोस्ट वायरल हो गई। इसे 1.6 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया और हजारों लोगों ने इस पर टिप्पणी की। जहां कुछ लोग इस वर्क कल्चर को “श्रमिकों के शोषण” का आरोप मान रहे हैं, वहीं कुछ ने गुप्ता के समर्पण की सराहना भी की। हालांकि, इस विवाद के चलते दक्ष गुप्ता को जान से मारने की धमकियां भी मिलने लगीं। उन्हें अपने विचारों का सार्वजनिक रूप से बचाव करना पड़ा।
ट्वीट में किया खुलासा
गुप्ता ने बताया कि उनकी कंपनी में आमतौर पर कार्यदिवस सुबह 9 बजे से रात 11 बजे तक चलता है और अक्सर शनिवार और कभी-कभी रविवार को भी काम होता है। उन्होंने यह भी कहा कि वे उम्मीदवारों को पहले साक्षात्कार में ही यह स्पष्ट कर देते हैं कि ग्रेप्टाइल में वर्क-लाइफ बैलेंस जैसी कोई सुविधा नहीं है। गुप्ता के बयान पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने इसे कामकाजी लोगों के लिए अनुचित बताया, जबकि कुछ ने इसे समर्पित नेतृत्व के उदाहरण के रूप में देखा।
— Daksh Gupta (@dakshgup) November 10, 2024