सरकार व विपक्ष में बनी सहमति, संसद में थमेगा हंगामा | Sanmarg

सरकार व विपक्ष में बनी सहमति, संसद में थमेगा हंगामा

Parliament

दोनों सदनों में संविधान पर होगी चर्चा

नयी दिल्ली : सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल संसद में गतिरोध दूर करने के लिए सहमत हो गए हैं। 25 नवंबर को शीतकालीन सत्र शुरू होने के समय से जारी गतिरोध पर सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक की, जहां गतिरोध खत्म करने में सफलता मिली। अब मंगलवार से लोकसभा तथा राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने की संभावना है। कांग्रेस सदस्य अदाणी समूह से जुड़े मामले को उठा रहे थे, वहीं सपा सांसद संभल हिंसा के मामले पर चर्चा की मांग कर रहे थे। साथ ही मणिपुर हिंसा, दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था,बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, अजमेर दरगाह आदि विषयों पर नियम 267 के तहत बहस करने की नोटिसें दी गयी थीं।

बैठक में शामिल रहे संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को मीडिया से कहा कि निचले सदन में 13 और 14 दिसंबर को और उच्च सदन में 16 और 17 दिसंबर को संविधान पर चर्चा होगी। विपक्षी दलों ने संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की थी। सरकार और विपक्षी दलों के बीच बनी सहमति के बाद संसद में संविधान पर चर्चा की तिथियों की घोषणा की गयी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि आशा है कि ‘मोदी सरकार मंगलवार से दोनों सदनों को चलने देगी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 26 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर संविधान पर दो दिवसीय विशेष चर्चा का अनुरोध किया था। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी उस दिन सभापति को ऐसा ही पत्र लिखा था। छह दिन बाद इस अनुरोध को मोदी सरकार ने स्वीकार किया है और कांग्रेस तथा ‘इंडिया’ गठबंधन की अन्य पार्टियों के अनुरोध के अनुसार चर्चा की तारीखों की घोषणा की गई है। कांग्रेस संसद में अदाणी समूह से जुड़े मामले पर चर्चा की मांग कर रही थी, लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन में उसकी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों ने इस मामले को ज्यादा महत्व नहीं दिया। तृणमूल कांग्रेस ने सत्र के दौरान ‘इंडिया’ गठबंधन की संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए आयोजित विपक्ष की बैठकों से भी दूरी बना ली थी। तृणमूल के एक सूत्र ने कहा कि उनकी पार्टी सिर्फ कांग्रेस के एजेंडे पर अपनी मुहर लगाने के लिए वहां नहीं हो सकती।

पिछले सप्ताह सोमवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में अभी तक कोई खास विधायी कामकाज नहीं हो सका है और पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया। सोमवार को दूसरे सप्ताह के पहले दिन भी कोई विशेष कामकाज नहीं हो सका। दोनों सदन 12 बजे तक दिन भर के लिए स्थगित कर दिए गए। राज्यसभा में नियम 267 को लेकर सभापति और विपक्षी सांसदों के बीच गतिरोध बना रहा। सोमवार को भी विपक्षी सांसदों ने मिल कर नियम 267 के तहत बहस कराने के लिए 20 नोटिस सभापति को दिए थे।

तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2024 लोस में पेश : तटीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य वाला एक विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच विधेयक पेश किया। विधेयक में भारतीय जहाजों के अलावा अन्य पोतों द्वारा बिना लाइसेंस के तटीय जल में व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाने और अंतर्देशीय जहाजों को कुछ शर्तों के साथ तटीय व्यापार में संलग्न होने की अनुमति देने का प्रावधान प्रस्तावित है।

सर्जना शर्मा/अंजलि भाटिया

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