नई दिल्ली : H5N1 बर्ड फ्लू को लेकर एक्सपर्ट्स पहले ही काफी चिंतित हैं। उनकी मानें तो ये बीमारी बहुत तेजी से फैल सकती है और इससे मरने वालों की संख्या कोविड से 100 गुना ज्यादा हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार ये वायरस अब उस मुकाम पर पहुंच चुका है जहां से ये पूरी दुनिया में महामारी फैला सकता है। वहीं अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्लयूएचओ) ने बताया है कि हाल ही में एक बर्ड फ्लू जिसका नाम H5N1 है, बीमार जानवरों के कच्चे दूध में बहुत ज्यादा मात्रा में पाया गया है। हालांकि ये अभी पता नहीं चला है कि ये वायरस दूध में कितने समय तक जिंदा रह सकता है। हाल ही में अमेरिका के टेक्सास में कुछ गायों को बर्ड फ्लू हो गया था। वहां के एक डेयरी फॉर्म में काम करने वाले इंसान को भी इन्हीं गायों की देखभाल से ये बीमारी लग गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ये चिंता की बात है। अब तक बर्ड फ्लू पक्षियों से फैलता था, पर पहली बार गाय से इंसान को ये बीमारी हुई है।
बदल रहा है फ्लू का वायरस
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि बर्ड फ्लू का ये वायरस बदल रहा है। पहले ये सिर्फ पक्षियों से गाय को होता था, अब गाय से गाय को और गाय से पक्षी को भी ये बीमारी लग रही है। चिंता की एक और बात ये है कि बीमार गायों के दूध में भी इस वायरस पाया गया है। वैज्ञानिकों के लिए हैरानी की बात है क्योंकि उन्हें नहीं लगता था कि ये फ्लू गाय और बकरियों को हो सकता है, लेकिन जांच में पता चला है कि कुछ गायें वाकई में वर्ड फ्लू से संक्रमित थीं। ऐसे में क्या गाय का दूध पीना सुरक्षित है? आइए समझते हैं।
पहले जानिए क्या है H5N1 फ्लू?
H5N1 एक तरह का फ्लू का वायरस है, मगर ये इंसानों का फ्लू नहीं बल्कि पक्षियों का फ्लू है। इसलिए इसे बर्ड फ्लू भी कहते हैं। ये वायरस मुख्यत: पक्षियों में ही रहता है और उनको बीमार करता है। कभी-कभी दूसरे स्तनधारी जानवरों को भी हो सकता है। अगर किसी पक्षी को ये फ्लू हो जाता है तो उसके पास रहने, उसे छूने या उसकी बीट को छूने से ये इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं। अगर किसी जगह पर बीमार पक्षी रहे हों, तब भी वो जगह दूषित हो सकती है और उससे इंसान बीमार हो सकते हैं। ये फ्लू अगर इंसानों को लग जाए तो काफी गंभीर हो सकता है। इससे तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, निमोनिया (फेफड़ों का इन्फेक्शन) या कई बार बहुत बुरी हालत हो सकती है।
कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है बर्ड फ्लू?
अविअन इन्फ्लुएंजा एच5एन1 वायरस साल 1996 में सबसे पहले पाया गया था, लेकिन 2020 से इसके फैलने की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। इस वायरस की वजह से करोड़ों मुर्गियां मर चुकी हैं। जंगली पक्षी, जमीन पर रहने वाले जीव और समुद्र के जीव भी इससे संक्रमित हो रहे हैं। अब ये वायरल गाय और बकरियों में भी फैल रहा है। अब सबसे बड़ी चिंता ये है कि ये वायरस इंसानों में भी फैल सकता है। इसीलिए यूरोपियन यूनियन की फूड सेफ्टी एजेंसी (ईएफएसए) ने चेतावनी दी है कि अगर ये वायरस इंसानों में तेजी से फैलता है तो ये एक बड़ी महामारी का रूप ले सकता है। डब्लयूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक साल 2003 से अब तक जितने लोगों को भी ये H5N1 फ्लू हुआ है, उनमें से 52 फीसदी लोग मारे गए हैं।
यानी हर 100 बीमार लोगों में से 50 से ज्यादा की मौत हो गई। गौर करने वाली बात ये है कि कोविड-19 के मामले में ये आंकड़ा बहुत कम हो गया है। कोरोना से संक्रमित होकर अभी मरने वालों की संख्या कम होकर 0.1% रह गई है, जबकि महामारी की शुरुआत में ये आंकड़ा 20% था। मगर बर्ड फ्लू के मामले में मरने वाले लोगों का प्रतिशत इससे काफी ज्यादा है।
क्या गाय-भैंस का दूध पीना सुरक्षित है?
अमेरिका की बीमारी रोकथाम संस्था CDC का कहना है कि आम लोगों के लिए अभी ज्यादा खतरा नहीं है। खासकर उन लोगों के लिए जो बीमार जानवरों के आसपास नहीं रहते। सरकारी संस्थाएं इस पूरे मामले पर नजर रख रही हैं, साथ ही ये भी देख रही हैं कि कहीं ये वायरस इंसानों के लिए ज्यादा खतरनाक तो नहीं बन रहा। बहरहाल, फिलहाल स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आप सिर्फ पाश्चराइज्ड दूध ही पिएं। अगर आप पेस्ट्राइज्ड दूध पीते हैं तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि दूध बेचने से पहले उसे पाश्चराइज्ड करना जरूरी होता है और ये प्रक्रिया बर्ड फ्लू जैसे वायरस को मार देती है।