जीव रसायन विज्ञानी गोविंदराजन काे पहला ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’ | Sanmarg

जीव रसायन विज्ञानी गोविंदराजन काे पहला ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’

नयी दिल्ली : प्रख्यात जीव रसायन विज्ञानी गोविंदराजन पद्मनाभन को पहले ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’ के लिए चुना गया है। सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में दिये जाने वाले इस सर्वोच्च पुरस्कार की इस साल शुरुआत की है।

सरकार ने बुधवार को 33 राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों की घोषणा की, जिनमें युवा विज्ञानियों के लिए 18 विज्ञान युवा पुरस्कार, 13 विज्ञान श्री पुरस्कार और एक विज्ञान टीम पुरस्कार शामिल है। विज्ञान टीम पुरस्कार ‘टीम चंद्रयान-3’ को दिया जायेगा।

‘विज्ञान श्री पुरस्कार’ : ‘विज्ञान श्री पुरस्कार’ से सम्मानित किये जाने वालों में खगोल भौतिकविद् अन्नपूर्णी सुब्रमण्यन, कृषिविज्ञानी आनंदरामकृष्णन सी, आवेश कुमार त्यागी (परमाणु ऊर्जा), प्रो. उमेश वार्ष्णेय और प्रो. जयंत भालचंद्र उदगांवकर (दोनों जैविक विज्ञान में), प्रो. सैयद वजीह अहमद नकवी (पृथ्वी विज्ञान), प्रो. भीम सिंह (इंजीनियरिंग विज्ञान), प्रो. आदिमूर्ति आदि और प्रो. राहुल मुखर्जी (गणित और कंप्यूटर विज्ञान), प्रो. डॉ. संजय बिहारी (चिकित्सा), प्रो. लक्ष्मणन मुथुसामी और नबा कुमार मंडल (भौतिकी) और प्रो. रोहित श्रीवास्तव (प्रौद्योगिकी व नवोन्मेष) शामिल हैं।

‘विज्ञान युवा पुरस्कार’ : ‘विज्ञान युवा पुरस्कार’ प्राप्त करने वालों में कृष्ण मूर्ति एस एल और स्वरूप कुमार परिदा (कृषि विज्ञान), राधाकृष्णन महालक्ष्मी और प्रो. अरविंद पेनमैत्सा (जैविक विज्ञान), विवेक पोलशेट्टीवार और विशाल राय (रसायन विज्ञान), रॉक्सी मैथ्यू कोल (पृथ्वी विज्ञान), अभिलाष और राधा कृष्ण गंटी (इंजीनियरिंग विज्ञान), पूरबी सैकिया और बप्पी पॉल (पर्यावरण विज्ञान), महेश रमेश काकड़े (गणित और कंप्यूटर विज्ञान), जितेंद्र कुमार साहू और प्रज्ञा ध्रुव यादव (मेडिसिन), उर्वशी सिन्हा (भौतिकी), दिगेंद्रनाथ स्वैन अंतरिक्ष और प्रशांत कुमार (अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी) और प्रभु राजगोपाल (प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष) शामिल हैं। ये पुरस्कार हर साल दिये जायेंगे और विज्ञान के विभिन्न विभागों द्वारा दिए जाने वाले 300 से अधिक पुरस्कारों की जगह लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर ये पुरस्कार प्रदान करेंगी, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 के उतरने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

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