नयी दिल्ली : भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इससे एक दिन पहले उन्होंने राष्ट्र की ओर से थिम्पू में एक बौद्ध मठ में सिंह के लिए प्रार्थना की थी।
भूटान सरकार के अनुसार भूटान के सभी 20 ‘जोंगखाग’ या जिलों में सिंह के लिए अलग-अलग प्रार्थना समारोह आयोजित किये गये।भूटान की शाही सरकार के अनुसार सिंह के सम्मान में पूरे देश में तथा विदेशों में स्थित दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में भूटान का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया। थिम्पू के ‘कुएनरे ऑफ ताशिचोदजोंग’ में नरेश के नेतृत्व में आयोजित समारोह में मक्खन के एक हजार दीपक जलाये गये। प्रार्थना में प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, भारतीय राजदूत सुधाकर दलेला, शाही परिवार के कई सदस्य और भूटान सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
भूटान सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा- दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान प्रकट करने तथा भारत सरकार और भारत के लोगों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए, देश भर में तथा विदेशों में भूटान के दूतावासों, मिशन और वाणिज्य दूतावास में सभी राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। नरेश वांगचुक ने शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वर्ष 2004 से 2014 के दौरान प्रधानमंत्री के रूप में सिंह के कार्यकाल में भूटान सहित कई प्रमुख देशों के साथ भारत के संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी। भारत और भूटान के बीच सद्भावना, विश्वास और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग पर आधारित मजबूत मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। भारत-भूटान संबंधों का मूल ढांचा 1949 में हस्ताक्षरित मैत्री और सहयोग की संधि है। इसे फरवरी 2007 में नवीनीकृत किया गया था, जब सिंह प्रधानमंत्री थे।