कोलकाता : हावड़ा रेलवे स्टेशन व मेट्रो स्टेशन उनके बीच अंडरग्राउंड सपना सच हुआ। कोलकाता मेट्रो द्वारा भारत की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो का आनंद लेने कोलाघाट से अंडाल या खड़गपुर से आसनसोल से लोग पहुंच रहे हैं। यहां तक की विदेशी पर्यटक भी पीछे नहीं है। हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड सेक्शन तक मेट्रो सेवा 15 मार्च को शुरू हुई। अंडरग्राउंड न्यू हावड़ा मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने के लिए कोई भी पूर्व रेलवे और दक्षिण पूर्व रेलवे के हावड़ा स्टेशन पर उतर सकता है। मेट्रो रेलवे का यह अंडरग्राउंड स्टेशन पूर्व रेलवे के हावड़ा डीआरएम कार्यालय के ठीक पीछे बनाया गया है। हर कोई भीषण गर्मी को नजरअंदाज करते हुए परेशानी मुक्त, सुपर-फास्ट और पॉकेट-फ्रेंडली तरीके से हावड़ा मैदान से धर्मतल्ला तक का सफर कर रहा है। उपनगरीय यात्रियों की सुविधा के लिए पूर्व रेलवे के हावड़ा स्टेशन पर पहले से ही नीले रंग के मेट्रो स्टेशन दिशात्मक बोर्ड लगाए गए हैं। बोर्ड के तीर चिह्नों का अनुसरण करके शहर के चारों ओर यात्रा करने वाले यात्री हावड़ा मेट्रो स्टेशन को आसानी से ढूंढ सकते हैं। कई जगहों पर यात्री सुविधा के लिए बैनर व पोस्टर लगाये गये हैं। ताकि यात्री अंडरग्राउंड प्लेटफॉर्म पर एस्केलेटर और लिफ्ट से उतर सके। यहां कई बुकिंग काउंटर हैं। स्वचालित टिकटिंग मशीनें, एएफसी-पीसी गेट और आर्कषक पेंटिंग जो आपका ध्यान खींच लेंगे।
यदि आपके पास स्मार्ट कार्ड या ऐप-आधारित क्यूआर कोड आधारित टिकट नहीं है, तो आसानी से इस काउंटर या मशीन से टोकन या पेपर क्यूआर कोड आधारित टिकट प्राप्त कर सकते हैं। यात्री भारत के सबसे गहरे मेट्रो स्टेशन हावड़ा में 30 मीटर जमीन से नीचे पहुंचते हैं फिर मेट्रो का सफर कर रहे हैं।
इस कॉरिडोर के हावड़ा और एस्प्लेनेड स्टेशनों पर डबल डिस्चार्ज प्लेटफॉर्म हैं, यानी जब ट्रेन इन दोनों स्टेशनों पर रुकती है। आंकड़ों के मुताबिक, 15 मार्च से 31 मार्च तक यानी 17 दिनों में 3,14,459 यात्रियों ने हावड़ा मेट्रो स्टेशन तक यात्रा की। लोगों के बेड़े को देखकर यह कहना आसान है कि आने वाले दिनों में यह संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।