सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ढाका और चटगांव के 20 वकीलों की टीम 2 जनवरी को चटगांव कोर्ट में गिरफ्तार संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत के लिए पैरवी करेगी। दास को 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं। मानवाधिकार अधिवक्ता रवींद्र घोष, जिन्होंने पहले कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल करनी चाही थी, उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी। फिलहाल पश्चिम बंगाल के एम्स कल्याणी में इलाज करा रहे घोष अपने जूनियर वकीलों के साथ संपर्क में हैं और जमानत याचिका के लिए दलीलों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
कानूनी और बाहरी चुनौतियां :
चटगांव कोर्ट के एक वकील ने बताया कि दास का समर्थन करने वाले 30 से अधिक वकीलों को बाद में बांग्लादेश दंड प्रक्रिया संहिता की गैर-जमानती धाराओं के तहत आरोपित किया गया था। इसके चलते चटगांव बार एसोसिएशन ने वकीलों को दास के पक्ष में खड़ा होने से रोक दिया है। अब 2 जनवरी को दास के लिए न्याय सुनिश्चित करने के वैकल्पिक तरीकों पर विचार किया जा रहा है। रवींद्र घोष ने कहा, “12 दिसंबर को, मुझे चटगांव कोर्ट में वकीलों के एक वर्ग द्वारा परेशान किया गया था। पुलिस सुरक्षा के कारण मैं किसी दुर्घटना से बच गया। अगर ऐसा दोबारा होता है, तो यह हमारे देश की अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए शर्मनाक होगा।”
देशद्रोह कानून पर बहस :
दास के बचाव में वकील बांग्लादेश के देशद्रोह कानून और राष्ट्रीय ध्वज संहिता पर बहस करेंगे। बताया गया कि जिस झंडे के अपमान का आरोप है, वह चटगांव न्यू मार्केट में अगस्त के छात्र आंदोलन के दिनों से फहराया गया था। उसमें सितारे और चंद्रमा के प्रतीक थे। घटना के समय दास एक सम्मेलन में मौजूद थे।
इस्कॉन के श्रद्धालुओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की
इस्कॉन भक्तों ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए शांतिपूर्ण 2025 की खातिर मंगलवार को यहां एक प्रार्थना में भाग लिया। इस्कॉन के सैकड़ों अनुयायियों ने बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए ‘हरे कृष्ण’ का जाप किया। पड़ोसी देश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग वाली तथा शांतिपूर्ण 2025 की कामना करने वाली तख्तियां थामे इस्कॉन श्रद्धालु अल्बर्ट रोड केंद्र में प्रार्थना में शामिल हुए। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा, ‘हम ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक 2025 में हर दिन शांति से रह सकें।’ उन्होंने कहा कि 2024 में बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए स्थिति बहुत भयानक रही। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि 2025 में उन्हें न्याय और शांति मिलेगी।’