पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ने की संभावना से सोमवार को इनकार करते हुए कहा कि भाजपा के साथ उनके संबंध बहुत पुराने हैं। जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) सुप्रीमो ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से हमेशा मिले समर्थन को याद किया और राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-कांग्रेस गठबंधन के साथ अपने दो अल्पकालिक गठबंधनों को एक ‘गलती’ करार दिया।
कुमार ने वैशाली जिले में कहा, यह आदरणीय अटल जी ही थे जिन्होंने मुझे केंद्रीय मंत्री बनाया। वह मुझ पर बहुत स्नेह बरसाते थे। मुझे अपने प्रस्तावों को मंजूरी दिलाने में कभी कोई कठिनाई नहीं हुई। उन्होंने राज्यव्यापी ‘प्रगति यात्रा’ के तहत वैशाली जिले का दौरा किया। राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे कुमार ने यह भी कहा कि जब राजग ने 2005 में बिहार में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था, तो वाजपेयी की इच्छा थी कि ‘मैं मुख्यमंत्री बनूं।’ जद (यू) अध्यक्ष ने कहा, ‘तो, मुझे क्यों नहीं भाजपा के साथ रहना चाहिए ? मेरी पार्टी के लोगों ने कांग्रेस-राजद के साथ गठबंधन के लिए दबाव बनाकर एक-दो बार गलती की। मैंने दोनों बार इसे सुधारा।
कुमार इन अटकलों के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे कि वह राजग छोड़ रहे हैं। यह अटकलें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बारे में जताए गये अस्पष्ट रुख के बाद लगायी जा रही हैं। बिहार में एक साल से भी कम समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ये अटकलें तब और तेज हो गयी जब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने हाल में कहा कि वह कुमार के लिए अपने दरवाजे खुले रखेंगे, जो कभी उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे थे।