मालीपांचघड़ा क्षेत्र में बदहाल सड़कों पर चलने को मजबूर हैं लोग | Sanmarg

मालीपांचघड़ा क्षेत्र में बदहाल सड़कों पर चलने को मजबूर हैं लोग

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हावड़ा : ऐसे तो हावड़ा, लिलुआ, उलूबेड़िया व अन्य इलाके में जल निकासी की समस्या, जाम पड़ी नालियां और कूड़े-कचरे का अंबार सालों भर लगा रहता है। इसे लेकर प्रशासन की ओर से ध्यान देने के बावजूद इलाके में गंदगी जैसी समस्याएं बनी हुई हैं। ऐसे तो बारिश के दिनों में हावड़ा के लोगों को नायकीय जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ता है, लेकिन अभी हावड़ा के मालीपांचघड़ा में बारीश नहीं होने के बावजूद नाले का पानी भर गया है। इसके अलावा मालीपांचघड़ा थाने से लेकर करीब 2 किलोमीटर तक सड़क काफी जर्जर हो गयी है जिसके कारण वहां से गुजरने वाले वाहन से लेकर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सालों से सड़क की स्थिति है बदहाल

स्थानीय लोगाें के अनुसार कई सालों से सड़क इसी बदहाल स्थिति में है। हालांकि इस सड़क की मरम्मत का निर्देश काफी पहले दे दिया गया था, लेकिन ठेकेदार सड़क की मरम्मत नहीं करवा रहे थे। इसी वजह से इस सड़क की हालत लंबे समय से खराब है। इसके अलावा पूरी सड़क पर नाले का पानी भर गया है जिससे हमेशा चारों ओर दुर्गंध फैली रहती है। इसे लेकर लोगों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

बरसात के दिनों में यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं

स्थानीय लोगों की शिकायत है कि बरसात के दिनों में इस सड़क की हालत और भी ज्यादा भयावह हो जाती है जिसके कारण इस सड़क से गुजरना काफी मुश्किल हो जाता है। हालांकि यहां आये दिन कई तरह की दुर्घटनाएं देखने को मिलती हैं जैसे स्कूल से लौटते वक्त टोटो का पलट जाना और छात्रों के साथ अभिभावकों का गिर जाना। ऐसे में आम लोगों को जान हथेली पर लेकर इन सड़कों से गुजरना पड़ता है।

आम लोगों का बड़ा सवाल?

आम लोगों का सबसे बड़ा सवाल है कि सड़क के बगल में प्रशासनिक कार्यालय और थाना है। थाने के सामने यह स्थिति होगी तो आम लोगों का क्या होगा? हावड़ा नगर निगम की सबसे खराब हालत जल निकासी व्यवस्था की है। हालांकि लोगों का मानना ​​है कि इस सड़क की यह हालत ड्रेनेज सिस्टम के कारण हो रही है। उनकी शिकायत है कि इस सड़क पर लंबे समय से पानी भरा होने के कारण गड्ढे बन जाते हैं, इसके बावजूद प्रशासन चुप क्यों है। यह सड़क हावड़ा निगम के वार्ड 3 और 6 के बीच पड़ती है। दोनों वार्डों के पार्षद आम लोगों के पक्ष में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। हालांकि स्थिति अभी ऐसी हो गयी है कि अभिभावक अपने बच्चे को इन इलाकों में अकेले छोड़ने में डर रहे हैं।

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