इस बार दुर्गापूजा की थीम है बेहद खास, दिखेगी विश्व स्तरीय आर्किटेक्चर की झलक | Sanmarg

इस बार दुर्गापूजा की थीम है बेहद खास, दिखेगी विश्व स्तरीय आर्किटेक्चर की झलक

कोलकाता : जब बात हो बेहतरीन थीम निर्धारित दुर्गापूजा पंडालों की तो उत्तर कोलकाता अपने लोगों को अपनी बेहतरीन कला और अद्भुत थीन से हैरान करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। संतोष मित्रा स्क्वायर, तीनकोनिया पार्क, हाथीबागान नविन पल्ली और कॉलेज स्क्वायरहर साल अपने पंडाल हॉपर्स को आकर्षक थीम और आर्ट का बेहतरीन नमूना पेश करने के लिए टॉप प्राइयेरिटी लिस्ट में अपनी जगह बनाए रखते हैं।

संतोष मित्रा स्क्वायर सार्वजनीन दुर्गापूजा कमेटी

संतोष मित्रा स्क्वायर सार्वजनीन दुर्गापूजा कमेटी की जब भी बात आती है तो सभी के दिमाग में पहली छवि अयोध्या के राम मंदिर की आती है। पिछले साल इस कमेटी ने अपने पंडाल की थीम और लाइटिंग के लिए काफी सुर्खियां बटोरी थी। अब, इस साल यह पूजा कमेटी एक ऐसा थीम लाने जा रहा है जो पंडाल बनने के पहले ही सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वर्ष संतोष मित्रा स्क्वायर लास वेगस का स्फेयर दर्शाने जा रहा है। यानी की अब लोगों को स्फेयर की अनुभूति के लिए लास वेगस जाने की आवश्यकता नहीं है। दुर्गापूजा कमेटी के मुख्य सदस्य व भाजपा पार्षद सजन घोष ने बताया कि पूजा पंडाल तैयार होने के पहले से ही चर्चा में बना हुआ है। पंडाल के अंदर 7डी एफेक्ट होंगे और अंदर मां दुर्गा और महिषासुर की कहानी को दर्शाया । इसके लिए चीन से लाइटें मंगाई गई हैं।

कॉलेज स्क्वायर दुर्गापूजा कमेटी

कॉलेज स्क्वायर दुर्गापूजा कमेटी हर साल की तरह ही इस साल भी आकर्षक मां की प्रतिमा, थीम और लाइटिंग के लिए सबसे बड़े पूजा पंडालों में से एक। पिछले वर्ष कमेटी ने पंडाल के रूप में मैसूर पैलेस दर्शाया था जो आज भी लोगों के जहन में ताजा है। अब इस साल भी कमेटी ने विश्व के सबसे खूबसूरत संसदों में से एक स्विटजरलैंड का संसद भवन दर्शाया जा रहा है। कमेटी का कहना है कि स्विस संसद विश्व के सबसे पुराने और बेहतरीन आर्किटेचर के लिए जाना जाता है। इसीलिए इस वर्ष दुर्गापूजा पंडाल में लोगों के लिए इस थीम को लाया जा रहा है। खास तौर पर प्रसिद्ध कॉलेज स्क्वायर दुर्गापूजा कमेटी में इस साल खास लेजर लाइटिंग किया जाएगा। कमेटी के महासचिव प्रमोद चटर्जी ने बताया कि स्विटजरलैंड का संसद भवन बनाने में करीब 50 से 60 साख रुपये की लागत में बनाया जा रहा है।

हाथीबागान नवीन पल्ली

हाथीबागान के राजकृष्ण स्ट्रीट को कभी कोलकाता के ‘थिएटर पाड़ा’ के नाम से जाना जाता था इसे हाथीबागान नविन पल्ली दर्शाने जा रहा है। कहते हैं 1980 के दशक में इस इलाके में उमड़ने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को तैनात करना पड़ा था। अब यह गली पूरी तरह खामोश है। स्वतंत्रता के बाद के दौर में रंगमंच लोगों के जीवन में मनोरंजन का प्राथमिक स्रोत था। श्यामली, उल्का और सेतु जैसे नाटकों की जबरदस्त सफलता इस बात का सबूत है। मगर, 80 के दशक के मध्य में, टेलीविजन के आविष्कार और उत्थान के साथ बंगाली पेशेवर रंगमंच की लोकप्रियता कम होने लगी। बहुमंजिले अपार्टमेंट या शॉपिंग मॉल का रूप ले रहे हैं। नवीनपल्ली दुर्गोत्सव कमेटी के मुख्य सदस्य दीप्त घोष ने कहा कि हाथीबागान का प्रतिष्ठित थिएटर पाड़ा गुमनामी में खो गया है।

तीनकोनिया पार्क दुर्गापूजा

गत वर्ष कंतारा की थीम के लिए महानगर में प्रसिद्ध हुए तीनकोनिया पार्क दुर्गापूजा इस साल भी लोगों को बनारस की घाटों का अनुभव कराने वाला है। काशी नगरी को बेहद पूजनीय माना गया है। ऐसी मान्यता है कि वाराणसी में मरने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यहां कई घाट हैं जिसमें स्नान और दर्शन किए जाते हैं। बनारस में कुई घाट हैं और सबके अलग-अलग महत्व हैं। यह पूजा कमेटी कोलकाता के लोगों को बनारस की घाटों पर बने चित्रों और मंदिरों को भी खास तौर पर दर्शाया जाएगा जिससे लोगों को लगे की वाकई में वह बनारस पहुंच गए हैं। कमेटी के मुख्य सदस्य विशाल साव ने बताया कि इस पंडाल को बनाने में कुल 20 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। हम लोगों को बनारस का घाट व मुक्ति को दर्शा रहें हैं। उम्मीद है लोग इसे काफी पसंद करेंगे।

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