बंगाल में बिना किताबों के ही शुरू हुई स्कूल की कक्षाएं

बंगाल में बिना किताबों के ही शुरू हुई स्कूल की कक्षाएं
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कोलकाता : माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के नतीजे प्रकाशित होते ही कई स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षाएं कुछ ही दिनों में शुरू होने जा रही है। कई स्कूलों में 11वीं और 12वीं की पढ़ाई शुरू भी हो चुकी है। उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद ने 11वीं कक्षा के लिये सेमेस्टर प्रणाली शुरू कर दी है जिसके लिये पाठ्यक्रम में काफी बदलाव हुए हैं। यही कारण है कि भाषा की पाठ्य पुस्तकें अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। शिक्षकों व स्टूडेंट्स के लाभ के लिए उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद की वेबसाइट पर सभी भाषा के पेपर के टेक्स्ट कॉमपोनेंट्स अपलोड करने का निर्णय लिया है ताकि स्टूडेंट्स को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

तो क्या पीडीएफ फॉरमैट से होगी पढ़ाई?

बता दें कि संसद ने अपने वेबसाइट पर पीडीएफ फॉरमैट में अपलोड कर रही है जिससे बच्चों को हार्ड कॉपी किताबें न होने के कारण पढ़ाई न रूके और समय से सिलेबस पूरा हो पाये। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद के सेमेस्टर प्रणाली लागू करने के अलावा, संसद ने साथ 11 सालों के बाद पाठ्यक्रम में कई बदलाव भी किये गये हैं। इस वर्ष से नई किताबों की छपाई भी लगभग अपने चरण पर पहुंच चुकी है। बता दें कि पाठ्य पुस्तकें स्टूडेंट्स को निःशुल्क प्रदान किए जायेंगे। वहीं छपाई से लेकर किताबों के वितरण की जिम्मेदारी शिक्षा संसद और स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने उपर ली है। चूंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने डब्ल्यूबीटीबीसी और सरस्वती प्रेस (प्रचलित प्रथा के अनुसार) के माध्यम से भाषा विषयों की सभी पाठ्य पुस्तकों को छापने की जिम्मेदारी ली है, जो पश्चिम बंगाल राज्य भर में सभी छात्रों को मुफ्त में वितरित की जाएंगी, लेकिन व्यापक प्रयासों के बावजूद इसमें कुछ समय लग सकता है। वहीं शिक्षा संसद का कहना है कि विभिन्न स्कूलों के सभी स्टूडेंट्स को जल्द से जल्द पाठ्यपुस्तकों की हार्ड कॉपी वितरित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। शिक्षक और स्टूडेंट्स फिलहाल हमारी वेबसाइट पर अपलोड किए गए सॉफ्ट कॉपी के आधार पर अपनी कक्षाएं शुरू कर सकते हैं।

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