Kolkata Hospital Rape Case : प्रशासन और जूनियर डॉक्टरों के बीच खाई और गहरायी | Sanmarg

Kolkata Hospital Rape Case : प्रशासन और जूनियर डॉक्टरों के बीच खाई और गहरायी

सीएम के साथ बैठक नहीं हो पायी

कोलकाता : जूनियर डॉक्टरों का काम बंद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब तो प्रशासन और जूनियर डॉक्टरों के बीच खाई और गहरी हो गयी है। शनिवार के दोपहर बाद लगा कि बर्फ गलेगी तथा 36 दिनों से जूनियर डॉक्टरों का काम बंद शायद वापस हो जायेगा, पर ऐसा नहीं हुआ। हुआ यह कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को अचानक स्वास्थ्य भवन के सामने जूनियर डॉक्टरों के धरनास्थल पर पहुंच गयीं। इस दौरान सीएम ने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि आपकी दीदी के रूप में यहां आयी हूं।’ साथ ही सीएम ने जूनियर डॉक्टरों से बातचीत कर उन्हें कदम उठाने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही बर्फ पिघलनी शुरू हुई और जूनियर डॉक्टर बैठक के लिए राजी हो गये। इन लोगों ने खुद ही ईमेल भेजकर बैठक की इच्छा जतायी। शाम 6 बजे सीएम आवास यानी कालीघाट में बैठक तय हुई। पहले कहा गया कि केवल 15 जूनियर डॉक्टर बैठक में जा सकते हैं लेकिन आंदोलनाकरी पहले ही बता चुके थे कि वे 30 से कम की संख्या में नहीं जायेंगे। 30 जूनियर डॉक्टर शाम लगभग 6.25 बजे सीएम आवास पहुंचे। आंदोलनकारी डॉक्टर अपनी 5 सूत्रीय मांगों पर अड़े रहे। इस बार भी वे लाइव प्रसारण पर पहले अड़े थे लेकिन बाद में इस मांग से हटे लेकिन बैठक की वीडियोग्राफी पर अड़े रहे। लगभग ढाई घंटे तक वे वहां बारिश में ही खड़े रहे। ममता बनर्जी रात लगभग 8.15 बजे घर से बाहर आयीं तथा डॉक्टरों से कहा कि आप लोग क्यों बारिश में भींग रहे हैं। सभी को छाता दिया गया है आप लोग भीतर आइये। सीएम ने कहा कि आप लोगों के पत्र में कहीं भी लाइव की बात नहीं की गई है और हमारे द्वारा दी गई पत्र में भी कहीं भी लाइव की बात नहीं की गई। सीएम ने कहा कि यदि आप लोग को मीटिंग नहीं करना है तो कम से कम भीतर आकर एक कप चाय पीकर चले जाये।
चाय के ऑफर को जूनियर डॉक्टर्स ने ठुकरा दिया
15 डॉक्टरों के आने की बात थी, 30 आये हैं, मगर कोई बात नहीं। एक घर में 40 लोगों के बैठने की जगह हो सकती है ? फिर भी आप लोग आए हैं तो एक कप चाय पीकर जाइए। हालांकि सीएम के चाय के ऑफर को जूनियर डॉक्टर्स ने ठुकरा दिया। सीएम ने कहा कि जब मीटिंग नहीं करनी थी तो पत्र क्यों दिये। इतना असम्मान क्यों ? मैं आप लोगों तक गई, यहां 2 घंटे इंतजार किया। क्यों इतना असम्मान? सीएम ने हाथ जोड़कर जूनियर डॉक्टरों से कहा कि जनता के स्वार्थ में जनता के हित में मीटिंग कीजिए और हम पर भरोसा रखिए। अगर सुप्रीम कोर्ट ऑर्डर देता है तो मैं आप लोगों को वीडियो दे दूंगी और भरोसा रखें कि मैं भी उस विडियो का तब तक इस्तेमाल नहीं करूंगी।
बैठक का मिनट तैयार करा दूंगी
सीएम ने कहा कि मैं बैठक का मिनट तैयार करा दूंगी, दोनों ओर के लोग इस पर हस्ताक्षर करेंगे। यह अंतिम बात कहकर सीएम वापस घर की ओर चली गयीं। सीएम ने जूनियर डाक्टर्स को चाय, छाता और यहां तक की कपड़े देने का भी आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने और बारिश में भींगते रहे। इसके बाद रात लगभग 9 बजे मुख्य सचिव और स्वास्थ्य राज्य मंत्री समेत सभी अधिकारी कालीघाट स्थित सीएम आवास से निकल गये। जूनियर डॉक्टरों का कहना था कि हमारा वीडियोग्राफर भी बैठक की वीडियो लेगा तथा जब तक सुप्रीम कोर्ट नहीं कहेगा इसका प्रसारण हमलोग भी नहीं करेंगे। पारदर्शिता के लिए यह ठीक रहेगा। परंतु प्रशासन इस पर तैयार नहीं हुआ और अंत में बैठक नहीं हुई। सीएम आवास पर मुख्य सचिव मनोज पंत, गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार, स्वास्थ्य राज्य मंत्री चन्द्रिमा भट्टाचार्य भी पहुंचे थे।इसके पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार जारी गतिरोध के बीच शनिवार को अचानक जूनियर डॉक्टरों के धरनास्थल पर पहुंचीं और उन्हें उनकी मांगों पर गौर करने तथा दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।

 

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