कोलकाता : राज्य सरकार के परिवहन विभाग की ओर से मोटर ट्रेनिंग स्कूलों को लेकर कई प्रकार के नियम लाये जाने की बात पहले ही कही गयी थी। अब इस ओर पहला कदम बढ़ाया जा रहा है। दरअसल, एक सर्वे में पाया गया कि मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के ट्रेनर्स को ही गाड़ी चलाने की पूरी सटीक जानकारी नहीं है। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि अब ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने वाले मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के ट्रेनर्स को परिवहन विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिया जायेगा। परिवहन विभाग की ओर से यह विशेष पहल की जा रही है जिसका नाम ‘रिफ्रेशर्स ट्रेनिंग फॉर ट्रेनर्स ऑफ मोटर ट्रेनिंग स्कूल्स’ दिया गया है। आज कार्यक्रम में परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा पर पुस्तक का लांच भी किया जायेगा।
सिखाया जायेगा नयी तकनीकों के बारे में : इस बारे में परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौजूदा समय में मार्केट में कई तरह की नयी गाड़ियां आ रही हैं। कई नयी तरह की तकनीकों के साथ इन वाहनों के बारे में मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के ट्रेनर्स को भी अधिक जानकारी नहीं है। नयी बीएस-6 गाड़ियां भी मार्केट में आयी हैं, इसके अलावा ऐप अमेंडमेंट भी किया गया है। कई तरह के सिग्नल चेंज भी हुए हैं। ऐसे में जो भी गाड़ी चलाता है, उसे केवल ड्राइविंग नहीं करनी है बल्कि छोटी-छोटी चीजों को समझना भी आवश्यक है। अगर कहीं अचानक हेडलाइट ऑफ हो जाये तो हो सकता है कि फ्यूज शॉर्ट हुआ हो। ऐसे में किस तरह फ्यूज बॉक्स से उसे ठीक करना है, इन सभी चीजों की ट्रेनिंग दी जायेगी। यहां उल्लेखनीय है कि कोलकाता में 80 से अधिक मोटर ट्रेनिंग स्कूल है जबकि दोनों मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, नदिया, बर्दवान, दोनों 24 परगना व झाड़ग्राम जिलों को मिलाकर 300 से अधिक मोटर ट्रेनिंग स्कूल हैं।
यह कहना है ऐप कैब यूनियन का
वेस्ट बंगाल ऑनलाइन कैब ऑपरेटर्स गिल्ड के महासचिव इंद्रनील बनर्जी ने सन्मार्ग को बताया, ‘सड़क सुरक्षा को लेकर और सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिये उठाया जा रहा यह कदम काफी सराहनीय है। ट्रेनर्स को अच्छी ट्रेनिंग मिलेगी तो वे भी बेहतरीन तरीके से सिखा पायेंगे।’