कोलकाता: सरकार द्वारा सार्वजनिक परिवहन के तहत बसों को प्राइवेट ऑपरेटरों (BFOs) को सौंपने के बाद, यात्रियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी बसों के पुराने रूटों पर अब कम बसें चल रही हैं, और कई रूटों पर बसें पूरी दूरी तक नहीं जातीं। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी शिकायतें दर्ज की हैं, जिसमें बताया गया है कि कुछ बसों ने यात्रियों को बीच रास्ते में ही उतार दिया। इससे यात्रियों को परेशानी हो रही है, और बसों के संचालन में गड़बड़ी हो रही है।
BFOs की मुश्किलें और सरकार की नई योजना
BFOs का कहना है कि सरकारी द्वारा दी गईं बसें पुरानी तकनीक की हैं, और उनकी उच्च ईंधन खपत के कारण उन्हें बसों को चलाना मुश्किल हो गया है। साथ ही, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना की सफलता में कई खामियां हैं, और राज्य सरकार अब एक नई योजना बनाने का विचार कर रही है, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके। परिवहन मंत्री ने भी कहा कि इस योजना को लेकर कुछ समस्याएं थीं, जिनका समाधान राज्य स्तर पर किया जाएगा।