कोलकाता : ऐतिहासिक हावड़ा ब्रिज केवल बंगाल में ही नहीं बल्कि देश दुनिया में अलग पहचान है। इस धरोहर के रखरखाव में श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट की तरफ से (कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट) कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है। 1985 के बाद हावड़ा ब्रिज पर अब तक का सबसे बड़ा और अहम हेल्थ चेकअप होने जा रहा है। हालांकि इसकी प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। केपीटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सन्मार्ग को बताया कि अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा जिससे कम्प्युटराइज सिस्टम से ही पता किया जा सकेगा हावड़ा ब्रिज का क्या हाल है। कब कहां ब्रिज के लिए काम करने की आवश्यता है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैफिक पर कोई असर ना पड़े इसका ध्यान रखते हुए हेल्थ चेक अप में करीब एक साल लग सकता है। हावड़ा ब्रिज की पेंटिंग व रिपेयरिंग की भी योजनाओं में शामिल है। हावड़ा ब्रिज के संलग्न क्षेत्रों में भी कई कार्य होंगे। सूत्रों के मुताबिक हेल्थ चेकअप के दौरान ट्रैफिक पर प्रभाव बड़े पैमाने पर ना पड़े इस ओर पूरी कोशिश की जा रही है।
एक नजर इस पर : लोहे की संरचना के हर कोने और अन्य हिस्सों की जांच की जाएगी। यह देखा जायेगा कि वह अच्छी स्थिति में हैं या नहीं। हावड़ा ब्रिज की लाइटिंग को एफिल टॉवर की लाइटिंग की तरह सजाने की याेजना है। वर्तमान समय में अलग – अलग अवसरों पर लाइटिंग अलग-अलग होती है। आइकॉनिक हावड़ा ब्रिज के लिए 3 बड़े और महत्वपूर्ण कार्य होने जा रहे हैं।
बढ़ रहा है हावड़ा ब्रिज पर वाहनों का दबाव
हावड़ा ब्रिज पर प्रतिदिन हजारों वाहनों का आवागमन होता है। वाहनों की संख्या बढ़ने से इस ब्रिज पर दबाव काफी बढ़ गया है। ऐसे में हावड़ा ब्रिज या रवीन्द्र सेतु का हाल जानना जरूरी हो गया है। इसके लिए राइट्स को इस ब्रिज के हेल्थ चेक अप की जिम्मेदारी दी गयी है। अधिकारी ने कहा कि लंबी प्रक्रिया है। हेल्थ चेक अप की रिपोर्ट आने के बाद काम के लिए टेंडर होगा। वहीं अब ऐसा सिस्टम किया जायेगा ताकि कम्पयुटर से देखकर पता चल पाये कि हावड़ा ब्रिज में कब क्या करने की जरूरत है। यह अपने आप में अत्याधुनिक काम होगा। मैनुअल के अलावा यह कम्प्युटराइज सिस्टम बेहद ही आधुनिक है। इस पर प्रक्रिया चल रही है।