पीपीपी मॉडल पर चलने के लिए तैयार हैं सरकारी बसें | Sanmarg

पीपीपी मॉडल पर चलने के लिए तैयार हैं सरकारी बसें

  • पीपीपी मॉडल पर कुल 50 बस रूटों पर बसें चलायी जायेंगी दो रूट की हो चुकी है शुरुआत
  • बाकी 4 भी इस महीने से होंगे चालू फिलहाल 100 बसें चलेंगी पीपीपी मॉडल पर

कोलकाता : राज्य सरकार के परिवहन विभाग द्वारा पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप) मॉडल चालू किया गया है। सरकारी बसें जो फिलहाल नहीं चलती हैं और डिपो में पड़ी हैं, उन बसों को पीपीपी मॉडल के तहत चलाये जाने की योजना है। इसके लिए बीएफओ (बस फ्रेंचाइज ऑपरेटर) का गठन ऑनलाइन टेंडर एप्लिकेशन की प्रक्रिया के द्वारा किया गया है। बीएफओ परिवहन विभाग काे प्रति महीने प्रत्येक बस के लिए 14,000 रुपये देगा। वहीं बस में ड्राइवरों व कंडक्टरों की नियुक्ति की जिम्मेदारी बीएफओ की होगी। परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, कुल 50 बस रूट निजी बस ऑपरेटरों को सौंपे जायेंगे। पहले चरण में 6 रूटों पर पीपीपी मॉडल के तहत बसें चलायी जायेंगी।

इस उद्देश्य से की गयी पहल: यात्रियों कोे अतिरिक्त परिसेवा देने के अलावा पीपीपी मॉडल पर बसें चलाने का उद्देश्य सरकार की अव्यवहृत संपत्ति के कारण नुकसान में चल रहे निगम की संरचना का विकास करना है। आर्थिक तौर पर पिछड़ चुके बस मालिकों के लिए भी यह बेहतरीन पहल है।

6 से 8 साल की खाली बसें चलायी जायेंगी: निजी ऑपरेटरों को पीपीपी मॉडल पर दी जाने वाली बसें पार्क सर्कस के डिपो पर खाली पड़ी हुई हैं। ये बसें 6 से 8 साल पुरानी और बीएस-3 व बीएस-4 वैरिएंट की हैं। सिटी सबअर्बन बस सर्विसेज के तहत अधिकतर निजी बस मालिकों ने इन बसों के लिए​ बोली लगायी थी।

यह कहना है एसोसिएशन का : सिटी सबअर्बन बस सर्विसेज के महासचिव टीटो साहा ने कहा, ‘हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती और परिवहन विभाग के आभारी हैं कि इस तरह की पहल की शुरुआत की गयी। हमने राज्य सरकार से पार्टनरशिप की है। हमें बस फ्रेंचाइज ऑपरेटर यानी बीएफओ कहा गया है, यह एक बाेर्ड है जो बसों के सामने लायेगा।

सरकार को हमें हर महीने 14,000 रुपये देने होंगे। रखरखाव, संचालन कीमत और सुरक्षा की जिम्मेदारी ऑपरेटरों की होगी। डब्ल्यूबीटीसी की सभी बसों काे डब्ल्यूबीटीसी के गैरेज में पार्क करना होगा। सभी सीएफ और दूसरे कागजी काम हमें करने होंगे। 3 वर्षों का कांट्रैक्ट है और ड्राइवरों व कंडक्टरों की नियुक्ति की जिम्मेदारी हमारी होगी।’ एक ऑपरेटर ने कहा कि हमें जो बसें दी गयी हैैं, उनकी हालत ठीक नहीं है। हम सरकारी नियमों के अनुसार किराया ले रहे हैं। मूल किराया 8 रुपये और अधिकतम 17 रुपये है। हालांकि निजी बसों में किराया इससे काफी अधिक लिया जाता है, ऐसे में कुछ किराया बढ़ाने को लेकर हमारी बातचीत जारी है।

इन रूटों पर चलेंगी बस

सी26 (बारुईपुर से हावड़ा) और डी1ए (बारासात से टॉलीगंज) के लिये बस सेवा गत सप्ताह से चालू हो चुकी है। बताया गया कि बाकी 4 रूटों पर बसें इसी महीने के अंदर चालू की जायेंगी। इन रूटों में सी8 (बारासात से जोका), एस47 (ईडेन सिटी से हावड़ा), ई6 (आमता से धर्मतल्ला) और 11ए (दमदम स्टेशन से हावड़ा) शामिल हैं। साउथ सबअर्बन कोलकाता (बारुईपुर, सोनारपुर, कमालगाजी, नरेंद्रपुर, पाटुली, तिलजला) में रहने वाले हजारों लोग जो मध्य कोलकाता में आते हैं, उनके लिए यह काफी अच्छी खबर है। सरकार 3-4 बसों से 2-2 ट्रिप करवाती थी जबकि निजी ऑपरेटरों द्वारा आश्वस्त किया गया कि सभी 14 बसें एक दिन में 3 से 4 ट्रिप पूरा करें।

Visited 94 times, 1 visit(s) today
शेयर करे
0
0

Leave a Reply

ऊपर