कांग्रेस को गलती का एहसास उनकी कमज़ोरी को दर्शाती है : शोभनदेव चट्टोपाध्याय | Sanmarg

कांग्रेस को गलती का एहसास उनकी कमज़ोरी को दर्शाती है : शोभनदेव चट्टोपाध्याय

कोलकाता: वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य की विवादास्पद टिप्पणी ने राज्य के राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है। सोमवार को दिग्गज टीएमसी नेता सह राज्य के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने इस मुद्दे पर ‘सन्मार्ग’ को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 28 साल बाद कांग्रेस का यह दावा उनकी जीर्ण-शीर्ण स्थिति और आंतरिक कमजोरी को दर्शाता है। शोभनदेव ने कहा, वह दिन कभी नहीं भूल सकता। वह 22 दिसंबर 1997 था जब पार्टी (तत्कालीन कांग्रेस) ने ममता बनर्जी को आजीवन निष्कासित कर दिया था। बता दें कि प्रदीप भट्टाचार्ट ने कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस नेता ममता बनर्जी के निष्कासन का फैसला दोषपूर्ण कदम था।

शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि ममता बनर्जी के साथ ही पार्टी ने मुझे और सुदीप (टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय) को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 6 साल के लिए निलंबित कर दिया था। कांग्रेस नेता द्वारा राइटर्स बिल्डिंग का दौरा करना, तत्कालीन वामपंथी नेताओं के साथ मेलजोल ने हमें अंदर तक झकझोर कर रख दिया था। एक तरफ जहां ममता बनर्जी के नेतृत्व में युवा कांग्रेस के समर्थकों ने वाम सरकार के अत्याचार के खिलाफ आंदोलन किया वहीं दूसरी ओर दिल्ली के शीर्ष कांग्रेस नेता वामपंथियों के साथ मधुर संबंध बनाने में लगे हुए थे। ममता में इसकी निंदा करने की हिम्मत थी। वह वास्तव में साहसी थी, उसने इस संबंध में 24 अकबर रोड (कांग्रेस मुख्यालय) पर एक मजबूत टिप्पणी भेजी थी कि वह ‘अकेले चलना’ पसंद करेंगी। यह सुनकर कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकालने में देर नहीं की। अब वे ‘प्रायश्चित’ की गुहार लगा रहे हैं। वयोवृद्ध मंत्री ने इस आधार पर प्रदीप भट्टाचार्य की भी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी इस कुशासन का विरोध नहीं किया, वास्तव में किसी ने भी नहीं। यह टिप्पणी उनकी कमज़ोरी को दर्शाती है।

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