नयी दिल्लीः लोकसभा में मंगलवार को पास हुआ बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 बैंक खाताधारकों को अपने खातों में अधिकतम चार नामांकित व्यक्ति (नॉमिनी) रखने की अनुमति देता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए इस विधेयक को संसद के निचले सदन ने ध्वनि मत से मंजूरी दी। सीतारमण ने कहा कि जमाकर्ताओं के पास क्रमिक या एक ही समय नामांकन सुविधा का विकल्प होगा। वहीं लॉकर सुविधा लेने वाले ग्राहकों के पास केवल क्रमिक नामांकन का ही विकल्प होगा।
विधेयक का एक अन्य प्रावधान निदेशक पदों के लिए ‘पर्याप्त हित’ को नए सिरे से परिभाषित करना है। इससे लगभग छह दशक पहले तय की गई पांच लाख रुपये की मौजूदा सीमा दो करोड़ रुपये तक बढ़ सकती है। विधेयक में सहकारी बैंकों में निदेशकों (चेयरमैन एवं पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) के कार्यकाल को आठ साल से बढ़ाकर 10 साल करने का प्रस्ताव है। संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम, 2011 के अनुरूप बनाने के लिए यह संशोधन किया गया है। विधेयक पारित होने के बाद केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल में नियुक्त किए जाने की मंजूरी मिल जाएगी।
बैंकिंग संशोधन विधेयक में वैधानिक लेखा परीक्षकों का पारिश्रमिक तय करने में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का भी प्रावधान किया गया है। इसमें नियामकीय अनुपालन के लिए बैंकों को वित्तीय आंकड़ों की सूचना देने की तिथियों को बदलकर हर महीने की 15वीं और आखिरी तारीख करने की बात कही गई है। मौजूदा समय में बैंकों को हर महीने के दूसरे और चौथे शुक्रवार को यह सूचना भेजनी होती है।