कहा-अमेरिका को प्राथमिका देने वाले योद्धा हैं
वाशिंगटन : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक पद के लिए अपने निकट सहयोगी एवं विश्वासपात्र काश पटेल को नामित किया। यह चयन ट्रंप के इस दृष्टिकोण के अनुरूप है कि सरकार की कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। ट्रंप ने अपने विरोधियों के विरुद्ध प्रतिशोध की इच्छा जताई है। ऐसे में इस पद के लिए पटेल का चयन मायने रखता है। इस घोषणा का अर्थ है कि मौजूदा एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे को या तो इस्तीफा देना होगा या 20 जनवरी को ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा।
पटेल की रूस के संबंध में झूठ उजागर करने में अहम भूमिका : ट्रंप ने शनिवार रात अपने स्वामित्व वाले सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में लिखा कि पटेल ने रूस के संबंध में फैलाए गए झूठ को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वह सच्चाई, जवाबदेही एवं संविधान के समर्थक के रूप में खड़े रहे। कश्यप काश पटेल एफबीआई के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे। काश एक बेहतरीन वकील, जांचकर्ता और ‘अमेरिका को प्राथमिका देने वाले’ योद्धा हैं, जिन्होंने अपने करियर के दौरान भ्रष्टाचार को उजागर किया और न्याय तथा अमेरिका के लोगों की रक्षा की। पटेल (44) ने 2017 में तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के अंतिम कुछ हफ्तों में अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री के ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ के रूप में काम किया था।
पटेल के बारे में और जानें : ट्रंप ने कहा कि काश ने मेरे पहले कार्यकाल के दौरान शानदार काम किया। इस दौरान वह रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय खुफिया उपनिदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद रोधी विभाग के वरिष्ठ निदेशक रहे। काश ने अदालत में हुईं 60 से अधिक सुनवाइयों में प्रशासन की तरफ से पैरवी भी की। न्यूयॉर्क में जन्मे पटेल का नाता गुजरात से है। हालांकि उनकी मां पूर्वी अफ्रीका में तंजानिया से और पिता युगांडा से हैं। वह 1970 में कनाडा से अमेरिका आ गए थे। पटेल ने पूर्व में एक साक्षात्कार में कहा था कि हम गुजराती हैं।