वायनाड : केरल की 26 वर्षीय सीए एना सेबेस्टियन पेराइल की दुखद मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। अर्नस्ट एंड यंग इंडिया के पुणे ऑफिस में काम करने वाली एना की मौत का कारण कथित तौर पर कंपनी द्वारा दिया गया अत्यधिक काम बताया गया है। इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी विवादों के घेरे में आ गई हैं। विपक्षी दलों और सोशल मीडिया पर उनके बयान पर कई सवाल उठ रहे हैं, जिसके बाद वित्त मंत्री को अपनी बात स्पष्ट करनी पड़ी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनका बयान एना के संदर्भ में नहीं था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उनका ध्यान चेन्नई की एक यूनिवर्सिटी में मेडिटेशन हॉल और पूजा स्थल को लेकर था, जिसे छात्रों और शिक्षकों के लिए बनाया गया है।
आंतरिक शक्ति विकसित करने की अपील की
वित्त मंत्री ने छात्रों से आंतरिक शक्ति विकसित करने की अपील की और कहा कि एना की मौत पर सभी को दुख है। उनका उद्देश्य किसी को शर्मसार करना नहीं था। हालांकि, उनके इस बयान को एना से जुड़ी स्थिति से जोड़ा गया, जिसके कारण उन्हें असंवेदनशीलता के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि एना के अंदर आंतरिक शक्ति थी, लेकिन जहरीले वर्क कल्चर और अत्यधिक काम के कारण उनकी मौत हुई। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने भी कहा कि वित्त मंत्री को केवल बड़े उद्योगपतियों की चिंता है, जबकि मेहनत करने वाले युवाओं की पीड़ा उन्हें समझ नहीं आती।
इस मामले में लेबर मिनिस्ट्री जांच कर रही है, और नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (एनएचआरसी) ने कंपनियों को अपनी नीतियों को वैश्विक मानकों के अनुसार बनाने के निर्देश दिए हैं। एना की मां अनीता ऑगस्टीन और पिता सिबी जोसेफ ने अपनी बेटी की मौत का कारण ईवाई इंडिया के अत्यधिक काम को बताया है। इस मामले में ईवाई इंडिया और कंपनी के चेयरमैन राजीव मेमानी ने माफी भी मांगी है।