शाहजहां की कंपनियों ने मंगवाया था फर्जी बिल | Sanmarg

शाहजहां की कंपनियों ने मंगवाया था फर्जी बिल

●  कहीं लालच तो कहीं धमकी देकर करवाता था अपना काम

●  कई स्थानीय लोगों की जमीन हड़प कर कई एकड़ में फैलाया गया था शाहजहां मार्केट को

●  कई स्थानीय लोगों ने ईडी को बताया- सादे कागज पर करवाया गया था हस्ताक्षर

कोलकाता : ईडी की तफ्तीश में शेख शाहजहां को लेकर कई नये-नये राज सामने आ रहा है। ईडी की टीम के पास कई स्थानीय लोग आ रहे हैं और उसके खिलाफ अपनी शिकायत रख रहे हैं। सूत्रों की माने तो कई स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि उन लोगों की जमीन को हड़पकर शाहजहां से अपना एम्पायर बनाया है। यही नहीं उसका मार्केट भी इन लोगों की जमीन पर बनाया गया है। पहले वह रुपयों का लालच देता था और नहीं मानने पर धमकी देकर उसे हासिल कर लेता था। शाहजहां से जुड़ी दो कॉर्पोरेट संस्थाओं ने करोड़ों का फर्जी बिल लेकर काले धन को सफेद किया है। इनमें कोलकाता की कंपनियों ने भी उनकी मदद की है। 2012-22 और 2022-23 के वित्तीय वर्ष में मैग्नम एक्सपोर्ट्स से 104 करोड़ रुपये मिले थे।

छापामारी में करोड़ों के फर्जी बिल मिले : ईडी की प्रारंभिक जांच से पता चला है निलंबित तृणमूल नेता की कंपनी को 2018-19 और 2019-20 वित्तीय वर्ष में मेसर्स अरूप कुमार सोम से 33 करोड़ रुपये मिले। अधिकारियों ने कहा कि जांच से पता चला है कि मैग्नम एक्सपोर्ट्स ने 2021-22 और 2022-23 के दौरान सबीना फिशरी में कथित तौर पर 31.2 करोड़ रुपये के फर्जी बिल मुहैया करवाए थे। ईडी सूत्रों के मुताबिक फरवरी में मैग्नम एक्सपोर्ट्स और अरूप कुमार सोम के कार्यालयों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया गया था। मैग्नम एक्सपोर्ट्स के दो भागीदारों – अरुण सेनगुप्ता और पार्थ प्रतिम सेनगुप्ता के आवासों पर भी छापे मारे गए थे। ईडी के अधिकारियों ने कथित धन के लेन-देन को समझने के लिए छापे के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच की। इसका इस्तेमाल शाहजहां ने धन को स्थानांतरित करने के लिए किया था। 24 फरवरी को ईडी ने मैग्नम एक्सपोर्ट्स के भागीदारों में से एक अरुण सेनगुप्ता का बयान दर्ज किया।

कई लोगों ने बयान में बताया कि डर कर करते थे साथ काम : पीएमएलए अदालत के समक्ष एजेंसी की रिपोर्ट में सेनगुप्ता के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने और शाहजहां ने मार्च 2021 में कारोबार करना शुरू कर दिया था। “कुछ समय बाद, वह मेरे कार्यालय में आए और मुझसे कहा कि मुझे उन्हें फर्जी बिल प्रदान करनी होंगी यानी वह मुझे नकद प्रदान करेंगे और बदले में मैं उतनी ही राशि अपनी फर्म (बैंकिंग चैनल के माध्यम से) के माध्यम से एसके सबीना फिशरी को हस्तांतरित करूं। मैंने इनकार किया, लेकिन उसने मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। यही कारण है कि उन्होेंने उसके साथ काम किया।

 

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