Ujjain: पहले हिस्ट्रीशीटर अब बना भक्त, मां के लिए अपनी चमड़ी काटकर बनवाई चप्पल | Sanmarg

Ujjain: पहले हिस्ट्रीशीटर अब बना भक्त, मां के लिए अपनी चमड़ी काटकर बनवाई चप्पल

भोपाल: महाकाल की नगरी उज्जैन से अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक हिस्ट्रीशीटर का जीवन रामायण ने बदल दिया। रामकथा पढ़ने के बाद हिस्ट्रीशीटर ने अपराध की दुनिया छोड़कर भक्त बन गया। हिस्ट्रीशीटर ने अपनी मां से माफी मांगने के लिए ऐसा काम किया कि अब पूरा जिला मिसाल दे रहा है। दरअसल, संदीपनीनगर, ढांचा भवन पुरानी टंकी के पास अखाड़ा ग्राउंड परिसर में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन 14 से 21 मार्च तक किया गया। कथावाचक परम पूज्य अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु श्री जितेंद्र जी महाराज के मार्गदर्शन में धार्मिक आयोजन संपन्न हुए। कथा के अंतिम दिन रौनक ने समाज को एक नया संदेश देते हुए मां को अनोखा उपहार दिया।

समाज को दिया नया संदेश
रौनक गुर्जर कभी नामी बदमाश था। राम भक्ति से जीवन बदला तो उसने अपना शरीर से चमड़ा निकालकर मां के लिए चप्पल बनवा दी। पूरे समाज के सामने मां को वो चप्पल भेंट की। यह देख लोग हैरान रह गए। रौनक ने कहा- मां के लिए शरीर की चमड़ी क्या चीज है। मां ही ने मुझे जन्म दिया है। मैं उनके लिए आज अपने पैरों कि छाल (चमड़ी) निकलाकर चप्पल बनवाई है। मेरे लिए पिता स्वर्ग की सीढ़ी है तो मां उसे बनाने वाली है।

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‘अपने अपराधों का कर रहा हूं प्रायश्चित’
रौनक ने बताया कि जाने-अनजाने में मैंने ऐसे कई अपराध किए हैं, जिससे मां के दिल को ठेस पहुंची है। उन सब का प्रायश्चित कर रहा हूं। मैं अपराध की दुनिया को सालों पहले छोड़ चुका हूं, लेकिन मां से कभी आंख नहीं मिला पाया। मुझे सभी गलत ही मानते थे। मुझे आज मां से सुनने को मिला कि ‘तेरा वनवास खत्म हुआ’। आज मेरी मां ने मुझे माफ कर दिया।

मां ने कहा आज ख़ुशी से रुला दिया
मां निरुला गुजर ने कहा- मेरा बेटा गलत संगति में किसी कारण चल गया था। वह अपनी राह भटक गया था। मैंने उसे समय-समय पर समझाया, लेकिन वो मेरी बात नहीं मानता था। कुछ सालों से उसने अपराध की दुनिया को छोड़कर भक्ति मय जीवन शुरू किया। अपने सारे गुनाह मुझसे माफ करा लिए हैं। आज मुझे उसने अपने शरीर का अंग निकाल कर उपहार दिया है, जिसकी मुझे कोई उम्मीद नहीं थी। आज उसने मुझे खुशी के मारे रुला दिया है। आज उसका वनवास खत्म हुआ और मैंने उसके सारे पाप को क्षमा कर उसको आशीर्वाद दिया।

एक समय हिस्ट्रीशीटर था रौनक
रौनक पहले हिस्ट्रीशीटर था। कुछ साल पूर्व फरारी के दौरान पुलिस ने उसके पैर में गोली भी मार दी थी। लेकिन, जेल से छूटने के बाद उसने अपने आप को बदल दिया और प्रॉपर्टी बिजनेस के साथ सामाजिक और धार्मिक कार्य करने लगा। इसी के चलते वह भागवत कथा करवा रहा है। रोज सुबह-शाम रामायण का पाठ करते हुए, वह अपराध से दूर हो गया। वह रामायण मे लिखी बातों को अपने जीवन मे उतार रहा है।

 

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