नई दिल्ली: किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ता नजर आ रहा है। पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर आज भी भारी तनाव है। पुलिस बैरिकेड के पास आ रहे आंदोलनकारी किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। हर हाल में किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो हरियाणा पुलिस किसी भी सूरत में किसानों को राज्य में घुसने नहीं देना चाहती। वहीं, हरियाणा के अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाएं, SMS और सभी डोंगल सेवाएं 15 फरवरी तक बंद कर दी गई है। वहीं, पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन उग्रहा ने ऐलान किया है कि पंजाब भर में कल 15 फरवरी को दोपहर 12:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे। शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस छोड़े जाने से भारतीय किसान यूनियन उग्रहा नाराज है। दिल्ली जा रहे किसानों को रास्ते में रोकने उनके ऊपर आंसू गैस छोड़ने और लाठी चार्ज के विरोध में यह फैसला लिया गया है। आखिर किसानों की ऐसी कौन सी मांगें है जिसे लेकर वह फिर से आंदोलन करने का मन बना रहे हैं। आपको 10 आसान से प्वाइंट्स में बताते हैं।
क्या-क्या हैं किसानों की मांगें:
- सभी 23 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी
- फसलों का भाव स्वामीनाथन आयोग के अनुसार लागत से 50 प्रतिशत अधिक हो
- किसानों पर चढ़े कर्ज को माफ किया जाए
- किसानों के लिए 10 हजार रुपये प्रति महीने की पेंशन लागू की जाए
- बिजली संशोधन बिल 2022 को रद्द किया जाए। किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए
- लखीमपुर खीरी कांड में घायल हुए किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए
- कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन के कारण जिन किसानों पर केस दर्ज हुए हैं, उन्हें रद्द किया जाए
- प्रदर्शन के दौरान मृतक किसानों के स्वजन को उचित मुआवजा दिया जाए। परिवार में किसी एक को नौकरी दी जाए
- कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फल और सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए
- कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन कर बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए