नई दिल्ली: मॉडल पूनम पांडे की मौत की अफवाह के बाद से लोगों ने इंटरनेट पर सवाईकल कैंसर के बारे में रिसर्च करना शुरू कर दिया है। यह कैंसर दूसरे कैंसर की बीमारी से बेहद अलग है। इसकी चपेट में महिलाएं आती हैं। इसलिए हर महिला को इससे बहुत सतर्क रहने की जरुरत है। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला सेकंड मोस्ट कॉमन कैंसर माना जाता है। भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर में 29 फीसदी मामले सर्वाइकल कैंसर के होते हैं। ये बीमारी बहुत ही खामोशी से शरीर पर वार करती है। इसके लक्षण भी बेहद कॉमन होते हैं, इसलिए अधिकतर मामलों में महिलाओं को बीमारी का पता बहुत देर से चल पाता है।
9-14 साल की बच्चियों का होगा वैक्सीनेशन
इस खतरनाक बीमारी को पूरी तरह खत्म करने के लिए अब केंद्र सरकार भी तैयारी कर रही है। इस बार के अंतरिम बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘नारी शक्ति’ के तहत सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ 9 से 14 साल की लड़कियों के लिए वैक्सीनेशन की बात कही है। टीकाकरण के लिए नया U-WIN प्लेटफॉर्म तैयार करके मिशन इंद्रधनुष के जरिए अभियान में लाई जाएगी। बड़े पैमाने पर होने वाला यह टीकाकरण अभियान सर्वाइकल कैंसर को पूरी तरह खत्म करने की शुरुआत है। आपको बताते हैं सर्वाइकल कैंसर से जुड़ी अहम जानकारी।
कैसे होता है सर्वाइकल कैंसर ?
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल करीब 1.30 लाख मामले सर्वाइकल कैंसर के होते हैं। हर साल करीब 74 हजार महिलाओं को इसके कारण जान गवांनी पड़ी है। सर्वाइकल कैंसर को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस भी कहते हैं। यौन संबंधों के कारण शरीर के अंदर पहुंचता है। बार-बार संक्रमित होने से सर्वाइकल कैंसर का रूप ले लेता है। हालांकि सर्वाइकल कैंसर फैलने में 15-20 साल लगते हैं। जिन महिलाओं की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनमें ये जल्दी फैलता है।
स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर के 80 से 90 फीसदी मामलों में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के 16 और 18 स्ट्रेन को जिम्मेदार माना जाता है। HPV एक आम यौन रोग है, जो प्राइवेट पार्ट में मस्से के रूप में नजर आता है और धीरे-धीरे ये सर्वाइकल सेल्स को कैंसर सेल्स में बदल देता है। HPV सबसे कॉमन सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज है। इस कारण ज्यादातर महिलाओं में ये समस्या पुरुषों से ट्रांसफर होती है। ज्यादातर पुरुष HPV स्ट्रेन पॉजिटिव होते हैं।