नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने इस वर्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के बजट में 60 प्रतिशत की कटौती की है। उच्च शिक्षा के लिए पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में 9600 करोड़ रूपये से अधिक की कटौती की गयी है। अंतरिम बजट में यूजीसी का आवंटन पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में घटाकर 2500 करोड़ रूपये कर दिया गया है, जो इससे पिछले साल 6409 करोड़ रूपये था। इसमें 60.99 प्रतिशत की कमी की गयी है। साथ ही लगातार दूसरे वर्ष भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईएमएम) के आवंटन में कटौती की गयी है। आईआईएम संस्थानों का आवंटन घटाकर 212.21 करोड़ रूपये कर दिया गया है, जबकि पिछले साल इसका संशोधित अनुमान 331 करोड़ रुपये था। वहीं, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का अनुदान 10,384.21 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 10324.50 करोड़ रुपये कर दिया गया। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए बजट 12000.08 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 15,472 करोड़ रुपये किया गया।
Budget 2024: UGC के आवंटन में 60% की कटौती
स्कूली शिक्षा के लिए अब तक का सबसे अधिक धन आवंटित
अंतरिम बजट में स्कूली शिक्षा विभाग के लिए अब तक का सबसे अधिक बजट आवंटित किया गया है। केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में स्कूली शिक्षा के लिए 73,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया है। पिछले वित्त वर्ष के संशोधित बजटीय अनुमान (आरई) 72,473.80 करोड़ रुपये के मुकाबले अंतरिम बजट में स्कूली शिक्षा के लिए 73,008.10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार ने पिछले साल पेश मूल बजट में इस विभाग को 68,804.85 करोड़ रुपये आवंटित किये थे। शिक्षा मंत्रालय की योजना ‘पीएम श्री’ के लिए 2023-24 के संशोधित बजट आवंटन 2,800 करोड़ रुपये के मुकाबले 2024-25 में 6,050 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूलों में अपग्रेड करने की इस योजना के कुल बजट में 3,250 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। समग्र शिक्षा अभियान, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों जैसी सभी महत्वपूर्ण योजनाओं के परिव्यय में इस वर्ष वृद्धि देखी गई है।
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