नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में कश्मीरियों के इंसाफ के लिए लोकसभा में आज केंद्र सरकार ने 2 अहम विधेयक पेश किए। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जबरदस्त हमला किया। पाक अधिकृत कश्मीर पर बोलते हुए शाह ने पूर्व पीएम नेहरू के निर्णय पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पीओके के मुद्दे पर नेहरू ने गलती नहीं ब्लंडर किया है। विधेयक पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कश्मीरियों की चिंता किसी ने नहीं की। उन्हें अब न्याय देने का वक्त है। यह काम मोदी सरकार कर रही है।
‘कश्मीरी विस्थापितों को प्रतिनिधित्व देने का बिल’
अमित शाह ने आगे कहा कि ’80 के दशक के बाद आतंकवाद का दौर आया जो कि भयावह था। जो पीढ़ियों से रहते थे, उनकी परवाह नहीं की गई और जिनको परवाह करना था वो लंदन में VACATION मना रहे थे। गृह मंत्री ने कश्मीरी विस्थापितों की बात करते हुए कहा, ‘ये बिल उनको अधिकार देने का है, उनको प्रतिनिधित्व देना का बिल है। जो पिछले 70 सालों से अपने देश में ही लगातार अन्याय सहते आ रहे हैं।’गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर के अन्य मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने कहा, “जो लोग कहते थे कि जम्मू कश्मीर में क्या हुआ? आप तो मूल से ही कटे हो, मूल के साथ संपर्क ही नहीं है, तो कैसे मालूम होगा कि जम्मू कश्मीर में बदलाव क्या हुआ। इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर जम्मू कश्मीर में बदलाव नहीं मालूम पड़ेगा.” बैकवर्ड क्लास को लेकर की अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर हमला किया, “यहां कांग्रेस के ढेर सारे मित्र बैकवर्ड क्लास करते हैं। पहले अपना इतिहास तो देखो। बैकवर्ड क्लास का सबसे बड़ा विरोध और बैकवर्ड क्लास को रोकने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया है।”
‘मोदी सरकार में आतंकवादी घटनाओं में 70 फीसदी कमी’
गृह मंत्री अमित शाह ने सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह पर भी हमला बोला और कहा, “1994 से 2004 के दौरान आतंकवाद की कुल घटनाएं 40,164 हुईं। 2004-14 सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के शासन काल के दौरान आतंकवाद की घटनाएं 7,217 हुईं। 2014 से 2023 श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के शासन काल के दौरान आतंकवाद की घटनाएं सिर्फ 2,000 हुईं, 70% की कमी आई है।”
‘नेहरू की गलती से चला गया पीओके’
गृह मंत्री ने कहा कि नेहरू से कई बड़ी गलतियां हुई। जब कश्मीर में भारतीय फौजें जीत हासिल करती हुई आगे बढ़ रही थी तो वे युद्धविराम के लिए यूएन में चले गए। इस गलती की वजह से पीओके हमारे देश का हिस्सा बनते बनते रह गया।
अमित शाह ने कहा, ‘मेरा मानना है कि युद्धविराम के लिए यूएन में जाना ही नहीं चाहिए था। अगर नेहरू गए भी तो उन्हें यूएन चार्टर की सही धारा के तहत इस मामले को उठाना चाहिए थे। नेहरु सरकार की यह गलती नहीं बल्कि ब्लंडर था, जिसका नुकसान आज तक देश भुगत रहा है।’
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