कोलकाता: प्राय: दीपावली पर देखा जाता है कि छोटे बच्चे व बड़े भी हाथ, मुंह आदि पटाखों से जला लेते हैं। यदि आप खुशहाल व शुभ दीपावली मनाना चाहते हैं तो कुछ बातें ध्यान में रखिए।
- जब भी छोटे बच्चे पटाखे जलाएं तो बड़ों को भी साथ रहना चाहिए। यदि हो सके तो खुद सावधानी से पटाखों को जलाकर बच्चों का मनोरंजन करें ताकि बच्चों को नुकसान न पहुंच सके।
- पटाखों को कभी भी घर में न जलाएं। गली में या कहीं खुले स्थान पर ही जलाएं।
- छोटे बच्चों को बड़े व अधिक आवाज करने वाले पटाखे कभी न खरीद कर दें।
- पटाखों को इतने नजदीक से आग न लगायें कि जल्दी में आपसे भागा ही न जा सके।
- पटाखे को एक बार आग लगाने के बाद उसके पास दुबारा न जाएं। वह कभी भी फट सकता है, जिससे आपको हानि हो सकती है।
- अनार, बम व आतिशबाजी को चलाते समय उसके ऊपर मुंह न ले जायें। चलने पर एक दम आंखों व मुंह को नुकसान होगा। दीपावली की रात कभी भी मकान की छत पर न सोयें, न ही कोई कपड़े आदि छत पर बाहर रखें। कोई आतिशबाजी आपको व कपड़ों को जला सकती है। यदि आपका हाथ, मुंह पटाखे चलाते समय जल जाए तो उसे ठण्डे पानी में डुबो लें एवं तुरन्त किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करायें। यदि आप खुशहाल दीपावली मनाना चाहते हैं तो इन बातों को दीपावली की रात न भूलें।
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