चंद्रयान-3 ने चांद पर रखा कदम, सफलतापूर्वक लैंड कर रच दिया इतिहास | Sanmarg

चंद्रयान-3 ने चांद पर रखा कदम, सफलतापूर्वक लैंड कर रच दिया इतिहास

चांद के दक्षिण पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो गई है। तय समय पर चंद्रयान 3 ने चांद पर कदम रखा है। इसरो की सफलता पर पूरे देश में जश्न का माहौल है। पीएम मोदी ने संदेश जारी कर दी देशवासियों को बधाई।

Chandrayaan 3:  इसके साथ ही भारत का नाम भी इतिहास के पन्नों में कैद हो गया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) का सपना भी इसी के साथ पूरा हो गया। 14 जुलाई को चंद्रयान-3 के लॉन्च होने के बाद से ही ये यात्रा जारी थी। बता दें कि अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, चंद्रयान-3 का लैंडर 23 अगस्त को शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरा. इस लैंडर में एक रोवर है।

भारत ने चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से पर कदम रखा है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जो चांद के दक्षिण हिस्से में कदम रखा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका से जुड़े थे। सफल लैंडिंग के बाद पीएम ने संबोधन में कहा कि चंदा मामा अब टूर के, देश के हमारे वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया।

सफल लैंडिंग के बाद इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह क्षण भारत में नई ऊर्जा और नई चेतना का है। यह क्षण भारत के नए आह्वान का है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया है। आज हम अंतरिक्ष में नए भारत के नई उड़ान के साक्षी बने हैं। मैं ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हूं, लेकिन मेरा मन चंद्रयान-3 पर लगा रहा। पीएम ने कहा कि मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस पल के लिए सालों तक हमारे वैज्ञानिकों ने मेहनत की है। इस पल के लिए मैं 140 करोड़ देशवासियों को भी बधाईयां देता हूं। इसरो के वैज्ञानिकों की मेहनत की वजह से चंद्रयान चांद के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा जहां कोई नहीं पहुंच पाया।

पीएम बोलें कि मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं जिन्होंने इस पल के लिए सालों तक इतनी मेहनत की है। मैं इस पल के लिए 140 करोड़ देशवासियों को भी बधाईयां देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम से भारत आज चंद्रा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा जहां कोई नहीं पहुंच पाया।

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