कोलकाता : पूजा के दौरान उपनगरीय ट्रेनों के अंदरूनी हिस्सों को भी रंगों से सजाया जाता है। रोजमर्रा की नीरसता से उबरकर पूजा में अब नवीनता का रस भरा जायेगा। बंगालियों के सबसे बड़े त्योहार के मौके पर बारासात डिपो की लोकल ट्रेनों के कमरों को रंग-बिरंगी पेंटिंग से सजाया गया है। पेटिंग में ग्रामीण परिवेश, जनजीवन के स्नैपशॉट, रेलवे की विभिन्न परंपराएं उभरकर सामने आ रही हैं। इसके अलावा, स्टेशन के खुलने में बदलाव की शुरुआत के साथ ही लोकल ट्रेनों को नई तरह की एलईडी लाइटों से सजाने के लिए ट्रेन रखरखाव डिपो में भी जोरदार गतिविधि शुरू हो गई है। सियालदह में लोकल ट्रेन रखरखाव के लिए चार डिपो हैं। चार डिपो नारकेलडांगा, बारासात, सोनारपुर और राणाघाट में जोड़े में लोकल ट्रेनों की व्यवस्था करने की योजना बनाई गई है, जो सभी शाखाओं में चलेगी। इस पर काम भी शुरू हो गया है। राज्य में जिस जोन में क्षेत्रीय उत्सव मनाया जाएगा, उस जोन के भीतर चलने वाली ट्रेनों को सजाने का निर्णय लिया गया है। दुर्गोत्सव बंगालियों का प्रमुख त्योहार है और इस फेस्टिवल में इस लोकल ट्रेन में नई तरह की लाइटिंग का बोलबाला रहेगा। ड्राइवर और गार्ड कैब की विंडस्क्रीन के चारों ओर रोशनी होगी। मूल रूप से ट्रेन बफ़र्स के समान, आगे और पीछे दो रिंग के आकार की नीली बत्तियाँ चमकेंगी। हावड़ा में भी इसी तरह लोकल ट्रेनों की व्यवस्था की जायेगी। सियालदह के सहायक वाणिज्य प्रबंधक, जनसंपर्क अधिकारी हरेंद्रनाथ गंगोपाध्याय ने कहा कि त्योहार के दौरान स्टेशनों और सहायक उपकरणों को रोशनी से सजाया जाता है। इस बार लोकल ट्रेनों में रोशनी की अतिरिक्त सजावट भी होगी। सौंदर्य को ध्यान में रखते हुए डिपो में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
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