टोरंटो : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपनी पार्टी तथा देश की जनता के बीच घटते समर्थन को देखते हुए सोमवार को पद से इस्तीफा देने की घोषणा के बाद अब ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक नया नेता ढूंढना होगा, जिसे अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कनाडाई वस्तुओं पर भारी कर लगाने की धमकियों से निपटना है।कनाडा में चुनाव भी कुछ ही महीनों में होने हैं। ट्रूडो की पार्टी के नए नेता के चुने जाने तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहने की योजना है। ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले किसी नए कनाडाई नेता के नाम की घोषणा होने की संभावना नहीं है।
24 मार्च को नया नेता चुनना होगा: लिबरल पार्टी को 24 मार्च को संसद सत्र के पुन: शुरू होने से पहले एक नया नेता चुनना होगा क्योंकि तीनों विपक्षी दलों का कहना है कि वे पहला मौका मिलते ही अविश्वास प्रस्ताव लाकर लिबरल पार्टी की सरकार को गिरा देंगे, जिसके बाद चुनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। ऐसे में नए प्रधानमंत्री के ज्यादा समय तक पद पर रहने की संभावना नहीं है।
संभावित प्रत्याशी मार्क कार्नी, क्रिस्टिया फ्रीलैंड और डोमिनिक लेब्लांक हैं। आइये जानते है इन तीनों के बारे में।
1. मार्क कार्नी: मार्क कार्नी बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर और बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व प्रमुख रहे हैं। वे एक वैश्विक वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। उन्हें सख्त नियामक के रूप में पहचाना जाता है। 2012 में बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर के रूप में नियुक्ति के बाद उनका प्रभाव बढ़ा। हालांकि, उनके पास राजनीतिक अनुभव की कमी है, जो प्रधानमंत्री बनने के मार्ग में एक बड़ी चुनौती हो सकती है। फिर भी, उनका नाम प्रधानमंत्री बनने के लिए चर्चा में है।
2. क्रिस्टिया फ्रीलैंड: क्रिस्टिया फ्रीलैंड वर्तमान में कनाडा की उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री हैं। उनका राजनीतिक अनुभव मजबूत है और वे अमेरिका-कनाडा संबंधों में अहम भूमिका निभा रही हैं। ट्रूडो ने यह संकेत दिया है कि वे फ्रीलैंड को उप प्रधानमंत्री बनाए रख सकते हैं, लेकिन उन्हें वित्त मंत्री के पद से हटाना चाहते हैं। फ्रीलैंड के पास पार्टी के भीतर अच्छा समर्थन और राजनीतिक सिद्धि है, जिससे वह प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे मजबूत प्रत्याशी हैं।
3. डोमिनिक लेब्लांक: डोमिनिक लेब्लांक वर्तमान में कनाडा के वित्त मंत्री हैं और प्रधानमंत्री ट्रूडो के करीबी मित्र माने जाते हैं। हाल में प्रधानमंत्री के साथ एक रात्रि भोज में शामिल होने से उनके प्रभाव का संकेत मिलता है। हालांकि, उन्हें फ्रीलैंड और कार्नी जैसे प्रमुख नामों के मुकाबले थोड़ा कम लोकप्रियता मिली है, लेकिन उनका राजनीतिक अनुभव उन्हें प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में एक मजबूत कड़ी बना सकता है।