प्रयागराज : पूरी दुनिया का स्वागत करने के लिए तीर्थों के राजा तीर्थराज प्रयागराज तैयार हैं। प्रयागराज में प्रवेश करते ही समुद्र मंथन के 14 रत्न सभी श्रद्धालुओं का वंदन करेंगे। जैसे ही आगे बढ़ेंगे शिव शंभु का विशाल डमरू दिखेगा। इसके साथ ही कच्छप, समुद्र मंथन और नंदी द्वार भी श्रद्धालुओं का स्वागत करेंगे। महाकुंभ नगर में 30 पौराणिक तोरण द्वार बनाये जा रहे हैं, जो श्रद्धालुओं को देवलोक की अनुभूति कराएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार के महाकुंभ को पहले के सभी कुंभों से अधिक दिव्य और भव्य बनाना चाहते हैं। इसी के तहत देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि यहां की तैयारियां कुछ इस तरह की गयी हैं कि महाकुंभ की आभा देख लोगों को एक अलग तरह की दुनिया का एहसास होगा। महाकुंभ में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को देवलोक की दिव्य अनुभूति होगी। यहां 30 अलग-अलग पौराणिक महत्व के तोरण द्वार बनाये गये हैं। प्रदेशभर से आये कारीगरों ने पूरे उत्साह से इसे अंजाम दिया है।
महाकुंभ नगर में श्रद्धालुओं को बहुत ही मनोहारी दृश्य दिखाई पड़ेगा। यहां की पौराणिकता आने वाले श्रद्धालुओं को दिव्यता से भर देगी। सबसे पहले मेला क्षेत्र में एंट्री करते ही 14 रत्न आपका स्वागत करने के लिए तत्पर दिखाई पड़ेंगे। इसमें ऐरावत, कामधेनु गाय, घोड़ा, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, महालक्ष्मी, चंद्रमा, शारंग धनुष, शंख, धन्वंतरि, अमृत आदि शामिल हैं। इसके बाद नंदी द्वार और भोले भंडारी का विशालकाय डमरू नजर आएगा, जिसकी लंबाई 100 फीट और ऊंचाई लगभग 50 फीट से भी अधिक है। इस विशालकाय डमरू को बनाने में बड़ी संख्या में कारीगर जुटे हैं। इसके अलावा समुद्र मंथन द्वार और कच्छप द्वार समेत 30 विशेष तोरण द्वार श्रद्धालुओं को पौराणिकता की अनुभूति करा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी चाहते हैं कि महाकुंभ को दुनिया के सामने इस तरह से सजाया और संवारा जाए कि जो पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बनकर उभरे।