- सबिता राय
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए रेप विरोधी ‘अपराजिता’ विधेयक को पारित कर दिया। इस विधेयक को राज्य सरकार ने प्रस्तुत किया था और इसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
विधानसभा में सीएम ममता बनर्जी के सामने बीजेपी ने एक सशक्त स्लोगन दिया: “दफ़ा एक दावी एक मुख्यमंत्री पदत्याग”। इस पर सीएम ने कहा कि गणतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार है और टीएमसी विधायकों को शांत रहने की सलाह दी।
‘अपराजिता’ विधेयक का विपक्ष ने भी समर्थन किया, लेकिन इसमें 7 अमेंडमेंट्स का प्रस्ताव रखा। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वे इस क़ानून को जल्द से जल्द लागू करने की मांग करते हैं और इसके पूर्ण समर्थन की बात की। चर्चा में उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहती है और पूछा कि “डॉक्टर्स का डिमांड क्यों ग्रहण नहीं किया जा रहा है?” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि “जन गण का ही आखिरी शब्द होता है।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “जिस समाज में महिला ठीक से नहीं रह सकती, उस समाज का कभी भला नहीं हो सकता है।” उन्होंने आगे कहा कि “हम सीबीआई से न्याय की उम्मीद करते हैं” और बीजेपी से आग्रह किया कि वे राज्यपाल से इस विधेयक पर सहमति जताने का अनुरोध करें।
सीएम ने विधेयक को “ऐतिहासिक” बताते हुए इसे महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया। उन्होंने कहा, “मैं मानती हूँ कि बंगाल में महिला पर अत्याचार का एक भी मामला नहीं होना चाहिए।” सीएम ने यह भी दावा किया कि केंद्रीय संस्थाएं यह मानती हैं कि बंगाल सबसे सुरक्षित जगह है, जबकि यूपी और गुजरात में महिलाओं पर अत्याचार के लाखों मामले सामने आए हैं।