रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया। ईडी ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ सोरेन द्वारा दर्ज कराई गयी प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी।
सोरेन ने पिछले साल जनवरी में दिल्ली और रांची में अपने आवासों पर तलाशी लेने के संबंध ईडी अधिकारियों के खिलाफ यहां एससी/एसटी थाने में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य ‘आदिवासियों को अपमानित करना’ था।
मामले के जांच अधिकारी ने ईडी अधिकारियों को नोटिस जारी कर पेश होने को कहा था। सोरेन ने ईडी के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवरत झा, अनुमान कुमार, अमन पटेल और कई अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। कपिल राज और अन्य अधिकारियों ने उनके खिलाफ जारी नोटिस और शुरू की गयी आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सोरेन ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर ईडी अधिकारियों द्वारा दिये गये बयानों का खंडन किया और प्राथमिकी को उचित ठहराया। ईडी ने सोरेन के हलफनामे का जवाब देने के लिए समय मांगा है।