कोलकाता : इस बार कोलकाता में रक्षा संबंधित देश का पहला सेमी कंडक्टर प्लांट लगेगा। भारत-अमेरिका के बीच इस महत्वाकांक्षी संयुक्त परियोजना की घोषणा विलमिंगटन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच वार्ता के बाद की गई। अमेरिका के साथ परिवर्तनकारी सहयोग के तहत भारत को अपना पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट मिलेगा, जो दोनों देशों में सैन्य साजोसामान के साथ-साथ महत्वपूर्ण दूरसंचार नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली चिप का उत्पादन करेगा।
आईटी विभाग और वेबेल था प्रयासरत ः मुख्यमंत्री ममता बनज्ाीॡने राज्य के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में प्रमुख अमेरिकी निवेश के संबंध में महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के पीछे की ‘लंबी और कठिन कवायद’ का वर्णन किया। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल की शुरुआत में राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग और सार्वजनिक उपक्रम वेबेल ने प्रमुख सेमीकंडक्टर उद्योगों से संपर्क किया था क्योंकि कई चिप-डिजाइनिंग और पैकेजिंग स्टार्टअप ने कोविड-19 महामारी के बाद वेबेल के विभिन्न आईटी पार्कों में अपना दफ्तर स्थानांरित कर लिया था।’ ममता ने रेखांकित किया कि ् ‘इस साल कोलकाता में राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित ग्लोबल वीएलएसआई कॉन्फ्रेंस 2024 में सेमीकंडक्टर उद्योग के सभी प्रमुख दिग्गजों की भागीदारी देखी गई।’
अमेरिकी स्पेस फोर्स करेगी मदद: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए स्थापित होने वाले प्लांट के निर्माण में अमेरिकी सेना की सबसे आधुनिक शाखा यूएस स्पेस फोर्स मदद करने जा रही है। भारत में यह फैब्रिकेशन प्लांट 2025 में स्थापित किया जाएगा और इसका नाम ‘शक्ति’ रखा जाएगा।
अमेरिकी सेना को भी चिप की सप्लाई: बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर सुविधा की स्थापना की सराहना की और इसे भारत-अमेरिका सहयोग के लिए महत्वपूर्ण बताया। यह सेमीकंडक्टर प्लांट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण एडवांस सेंसिंग, कम्युनिकेशन और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स पर ध्यान केंद्रित करेगा।