अब सभी सरकारी अस्पतालों को तैयार करना होगा ड्यूटी रोस्टर | Sanmarg

अब सभी सरकारी अस्पतालों को तैयार करना होगा ड्यूटी रोस्टर

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर और प्रभावी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने सभी अस्पताल अधीक्षकों को साप्ताहिक ड्यूटी रोस्टर तैयार करने और उसका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत अस्पताल के स्वास्थ्य अधीक्षकों को मेडिकल ऑफिसर, विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी और अन्य कर्मचारियों का ड्यूटी रोस्टर तैयार करने का निर्देश दिया गया है। ड्यूटी रोस्टर को अस्पताल के आउटडोर, इंडोर, आपातकालीन और डायग्नोस्टिक सेवाओं में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा। इसके साथ ही इस रोस्टर की प्रति संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को वितरित करनी होगी और ईमेल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा निदेशालय को भेजनी होगी। स्वास्थ्य विभाग का यह कदम अस्पतालों में मानव संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने और मरीजों को निर्बाध, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ड्यूटी रोस्टर तैयार करने के निर्देश :
विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी : यदि किसी विभाग में 6 या अधिक मेडिकल ऑफिसर मौजूद हैं, तो उन्हें 3 इकाइयों में बांटना होगा। प्रत्येक इकाई में कम से कम 2 मेडिकल ऑफिसर होने चाहिए।
ड्यूटी घंटे : बिना किसी विशेष परिस्थिति में चिकित्सा अधिकारियों को दिन और शाम की शिफ्ट में 8 घंटे से अधिक और रात की शिफ्ट में 12 घंटे से अधिक ड्यूटी नहीं सौंपी जाएगी।
साप्ताहिक ड्यूटी : मेडिकल ऑफिसरों और कर्मचारियों की साप्ताहिक ड्यूटी 40 घंटे से कम नहीं होगी, हालांकि आवश्यकता पड़ने पर यह 40 घंटे से अधिक भी हो सकती है।
आपातकालीन सेवाएं : शाम और रात की शिफ्ट में कम से कम 2 मेडिकल ऑफिसरों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। एक अधिकारी आपातकालीन सेवाओं का संचालन करेगा, जबकि दूसरा आवश्यकता पड़ने पर इनडोर सेवाओं में सहयोग करेगा।
सीएमओएच को निगरानी की जिम्मेदारी
स्वास्थ्य विभाग ने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओएच) को ड्यूटी रोस्टर के सख्त अनुपालन की निगरानी का जिम्मा सौंपा है। अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी को इन निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाया गया, तो उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सीएमओएच को साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार कर ईमेल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा निदेशालय को भेजनी होगी।

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