Tender Commission Scam : पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका खारिज | Sanmarg

Tender Commission Scam : पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका खारिज

  • टेंडर कमीशन घोटाला
  • जेल में बंद हैं आलमगीर आलम
  • ईडी कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

रांची : झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर-कमीशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के अभियुक्त और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को अदालत से बड़ा झटका लगा है। रांची स्थित पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। उन्होंने 25 नवंबर को दाखिल याचिका में खुद के ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए अदालत से मामले में जमानत देने की गुहार लगायी थी। सोमवार को अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थी और सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। आलमगीर आलम की ओर से अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा ने ईडी की चार्जशीट को निराधार बताया था। उनका कहना था कि आलम को सिर्फ दूसरे आरोपियों के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।

दूसरी तरफ, ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार काका ने कहा था कि चार्जशीट में उनके खिलाफ ठोस सबूत दर्ज हैं। इससे पहले इस मामले के अन्य आरोपियों निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम, जहांगीर आलम और संजीव लाल की जमानत याचिका भी अदालत ने खारिज कर दी थी। अब इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ चार्ज फ्रेम करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

आलमगीर आलम को ईडी ने 15 मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। इस केस में आलमगीर आलम के ओएसडी रहे संजीव लाल और उसके सहयोगी जहांगीर आलम के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी में 35 करोड़ रुपये से ज्यादा नकद राशि बरामद की थी। राज्य में हेमंत सोरेन 2.0 और उसके बाद चंपई सोरेन की कैबिनेट में आलमगीर आलम नंबर दो की हैसियत वाले मंत्री होते थे। वह झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी थे। जेल जाने के कुछ दिनों बाद उन्होंने इन दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया था।

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