Sambhal : लखनऊ में संभल पर सियासी दंगल | Sanmarg

Sambhal : लखनऊ में संभल पर सियासी दंगल

*  संभल जा रहे कांग्रेसियों को रोका

*  पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

*  भारी पुलिस बल तैनात

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को संभल हिंसा में पीड़ित परिवारों से मिलने जाने वाला था। लेकिन उससे पहले लखनऊ में कांग्रेसी नेताओं के आवास और लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय के बाहर भारी पुलिस तैनात कर अवरोधक लगा दिये गये। कांग्रेस कार्यालय के आसपास बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने अजय राय समेत सभी कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने संभल जाने से पहले ही रोक दिया। इस पर पुलिस के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई।

अजय राय ने कहा, प्रशासन ने संभल में 10 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू है। हमने उन्हें बताया कि हमारी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल वहां जाएगा। प्रशासन ने कहा, 10 दिसंबर से निषेधाज्ञा हटते ही उन्हें बता दिया जाएगा। निषेधाज्ञा हटते ही कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल निश्चित तौर पर संभल जाएगा। लेकिन निषेधाज्ञा बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा, सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए यह अत्याचार और अन्याय कर रही है। हम निश्चित रूप से संभल जाएंगे। सरकार और पुलिस की मनमानी से हमारा साहस नहीं टूटगा। हम संभल में शांति स्थापित करने और लोगों को न्याय दिलाने का प्रयास जारी रखेंगे।

वहीं कांग्रेस के पूर्व सांसद पी एल पुनिया ने कहा, भाजपा की सरकार, कांग्रेस से डरी हुई है। इसलिए वह हमेशा इसके रास्ते पर अड़चन पैदा करती है। इसके बाद भी कांग्रेस संभल में हुई हिंसा के पीछे भाजपा की साजिश और इसका चेहरा लोगों के सामने लाएगी।

दूसरी ओर, दिल्ली से संभल जा रहे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी उत्तर प्रदेश की सीमा पर रोक दिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी उन लोगों में शामिल थे, जिन्हें पुलिस द्वारा रोका गया।

बता दें, पुलिस ने रविवार रात से ही लखनऊ में कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के बाहर और पार्टी के उन नेताओं के आवास के बाहर अवरोधक लगा दिये थे। संभल में कांग्रेस के नगर अध्यक्ष तौकीर अहमद ने कहा, पुलिस प्रशासन हर किसी को संभल आने से रोक रहा है जोकि लोकतंत्र के खिलाफ है।

बता दें, सपा के सांसद समेत कई सपा विधायकों और सांसदों को 30 नवंबर को हिंसा ग्रस्त संभल जाने से रोक दिया गया था क्योंकि जिला प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक 10 दिसंबर तक बढ़ा दी थी।

संभल हिंसा पर राजनीति कर रहे हैं विपक्षी दल : ब्रजेश

संभल जिले में 24 नवंबर को भड़की हिंसा के बाद विपक्षी पार्टियों के नेताओं को वहां पर जाने से रोका जा रहा है। इसको लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को कहा, संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल जो राजनीति कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। हमारी प्रतिबद्धता शांति स्थापित करने को लेकर है। न्यायालय में इसका मामला विचाराधीन है। जो भी निर्णय होगा, उसका हम अनुपालन करेंगे। रविवार को न्यायिक आयोग ने इलाके का जायजा लिया, अपनी रिपोर्ट में वो जो भी कहेंगे, हम उसकी निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। सरकार किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देगी। पाठक ने कहा, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के लोग सिर्फ वोटों की फसल काटने के लिए इस प्रकार की बात कर रहे हैं। हम हर स्थिति में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं मिलने वाली है।

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